Haryana Government 'CHEERAG' Scheme: मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की महत्वाकांक्षी योजना CHEERAG (CM हरियाणा समान शिक्षा राहत, सहायता और अनुदान), जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के बच्चों को कक्षा 2 से कक्षा 12 तक के निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा प्रदान करती है, को अब तक काफी ठंडा रिस्पॉन्स मिला है. राज्य भर के 381 निजी स्कूलों में CHEERAG योजना के तहत आरक्षित 24,987 सीटों के लिए केवल 1,470 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जोकि कुल आरक्षित सीटों का महज 6 प्रतिशत है. योजना के तहत आवेदन की अंतिम तिथि 8 जुलाई थी. राज्य के 6 जिलों रोहतक, करनाल, महेंद्रगढ़, मेवात, पलवल और पंचकूला में एक भी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है, जबकि अंबाला, झज्जर, सिरसा और यमुनानगर जिलों में 10 से कम आवेदन प्राप्त हुए हैं.
सबसे ज्यादा आवेदन हिसार में
वहीं 615 आवेदनों के साथ हिसार सबसे अधिक आवेदन प्राप्त करने वाला जिला है, जिसके बाद जींद (256), सोनीपत (177), भिवानी को 117 आवेदन प्राप्त हुए हैं. इस साल शुरू की गई इस योजना के तहत केवल वही छात्र आवेदन करने के पात्र हैं, जिन्होंने सरकारी स्कूल से अपनी पिछली कक्षा उत्तीर्ण की है. योजना के तहत छात्र केवल उन्हीं ब्लॉक में स्थित प्राइवे स्कूलों में एडमिशन ले सकते हैं जहां वे पहले पढ़ रहे थे.
आखिर क्यों फेल हो रही है CHEERAG स्कीम
एक स्कूल के मालिक से जब नीरस प्रतिक्रिया का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस योजना को अभी तक सभी स्कूलों ने अपने यहां लागू नहीं किया है, जबकि योजना को लागू करने वाले कुछ स्कूलों छात्रों के घर से काफी दूर हैं, इसलिए माता-पिता अपने बच्चों को वहां भेजने के इच्छुक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि योजना के प्रति ठंडी प्रतिक्रिया का दूसरा कारण यह भी है कि इस योजना के तहत केवल अब तक सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले लोगों को ही दाखिला मिलेगा. योजना को लॉन्च करने से पहले सभी प्राइवेट स्कूलों को इस योजना को अपने यहां लागू करने का विकल्प दिया गया था, जिनमें से ज्यादातर स्कूलों ने इस योजना में अपनी रुचि नहीं दिखाई. वहीं, महेंद्रगढ़ के जिला शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त ने कहा कि जिले से सभी 21 प्राइवेट स्कूलों में यह योजना लागू है, लेकिन इसके बाद भी जिले के किसी भी स्कूल को अभी तक कोई आवेदन नहीं मिला है. इसके कारणों का पता लगाया जा रहा है.
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