Haryana News: मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) सरकार प्राइवेट कोचिंग इंस्टिट्यूट (Coaching Institute) के कामकाज को रेग्यूलेट करने के अलावा भ्रामक विज्ञापनों और स्टूडेट्स के बीच बढ़ते तनाव पर लगाम लगाने के लिए कानून बनाने की तैयारी कर रही है. राज्य सरकार ने पिछले महीने हरियाणा कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक, 2024 का प्रस्ताव सार्वजनिक पेश किया था. प्रस्ताव पर हितधारकों और जनता की राय मांगी गई थी. दरअसल, हरियाणा विधानसभा में 20 फरवरी को बजट सत्र शुरू होने जा रहा है. माना जा रहा है कि इस सत्र के दौरान इससे संबंधित बिल पेश किया जा सकता है.
प्रस्ताव में कहा गया है कि विधेयक में यह स्टूडेंट्स, उनके पैरेंट्स के हितों का ख्याल रखने, कोचिंग इंस्टिट्यूट में रजिस्टर्ड विद्यार्थियों का तनाव कम करने और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में बेहतर शैक्षणिक सहायता प्रदान करने का भी प्रावधान करता है. इस प्रस्ताव के मुताबिक प्रत्येक कोचिंग संस्थान को डिप्टी कमिश्नर की अध्यक्षता में स्थापित होने वाले जिला प्राधिकरण में पंजीयन कराना होगा. अधिक फीस पर रोक लगाने की भी व्यवस्था की गई है जिसके तहत कोचिंग संस्थानों को एक प्रॉस्पेक्टस लाना होगा, जिसमें पाठ्यक्रम, लेक्चर की संख्या, ट्यूटोरियल, ग्रुप डिस्कसन और फीस की जानकारी देनी होगी.
शिक्षकों के लिए जरूरी योग्यता
शिक्षण का कार्य केवल गैर सरकारी शिक्षक या सेवानिवृत्त शिक्षक कर सकेंगे जिनके पास न्यूनतम योग्यता ग्रैजुएशन होनी चाहिए. साथ ही शिक्षकों का बायोडेटा, अकैडमिक योग्यता और अनुभव उसमें दर्ज होना चाहिए. प्रस्ताव में कहा गया है कि जिला प्राधिकरण कोचिंग सेंटरों के फर्जी विज्ञापनों और झूठे दावों पर लगाम लगाने के लिए उचित कदम उठाएगा.
यह है सजा का प्रावधान
छात्रों और अभिभावकों की शिकायतों के प्रभावी समाधान के लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर कम्प्लेन सेंटर बनाया जाएगा. अगर कोई कोचिंग संस्थान कानून का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो उसे पहले अपराध के लिए 25 हजार रुपये जुर्माना भरना होगा. दूसरी बार अपराध करने की स्थिति में अगर आरोप साबित हो गया तो सबसे पहले कारण बताओ नोटिस भेजा जाएगा. इसके बाद कोचिंग संस्थान को सुनवाई का पूरा अवसर दिया जाएगा और फिर उनका पंजीयन भी रद्द किया जा सकता है.
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