Nuh Clash: हरियाणा के नूंह में हिंसा भड़कने के बाद जमकर राजनीति हो रही है. एक तरफ मनोहर लाल खट्टर की सरकार ये दावा कर रही है कि, राज्य की स्थिति सामान्य है, तो वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल लगातार खट्टर सरकार पर हमलावर हैं. इन सबके बीच में हरियाणा सरकार ने नूंह में सीआरपीएफ की दंगा-रोधी इकाई आरएएफ (RAF) को लेकर बड़ा फैसला लिया है.
दरअसल, मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) की सरकार ने आरएएफ (RAF) को स्थापित करने के लिए जमीन को मंजूरी दी है. गौर करने वाली बात यह है कि, केन्द्र सरकरा ने पांच साल पहले ही सीआरपीएफ की दंगा-रोधी इकाई आरएएफ की नई बटालियन को नूंह में स्थापित करने की मंजूरी दे दी थी. इसके बावजूद खट्टर सरकार को आरएएफ की नई बटालियन को जमीन देने में पांच साल लग गए.
हरियाणा सरकार ने बटालियन के लिए जमीन की मंजूरी ऐसे समय दी है जब जिले में सांप्रदायिक झड़प हुई हैं. सूत्रों ने बताया कि नूंह के इंद्री गांव में लगभग 50 एकड़ जमीन आरएएफ को सौंपने की मंजूरी इस सप्ताह की शुरुआत में मिली है. उन्होंने बताया कि जमीन चिह्नित कर ली गई थी लेकिन बल द्वारा इसके उपयोग पर अंतिम घोषणा पिछले एक वर्ष से अधिक समय से इंतजार में थी. उन्होंने कहा कि जमीन पर कब्जा लेने की प्रक्रिया जल्द होगी, जिससे बाद उसका शिलान्यास किया जाएगा.
सूत्रों की माने तो बटालियन के लिए कार्यालय और आवास बुनियादी ढांचे और अन्य बुनियादी सुविधाओं के निर्माण में कुछ और साल लगेंगे. केंद्र सरकार ने 2018 में घोषणा की थी कि आरएएफ की पांच और बटालियन गठित की जाएंगी जो वाराणसी (उत्तर प्रदेश), जयपुर (राजस्थान), शिवमोग्गा (कर्नाटक), हाजीपुर (बिहार) और नूंह में स्थित होंगी. इन पांच और इकाइयों के साथ आरएएफ बटालियन की कुल संख्या बढ़कर 15 हो जाएगी. दस अन्य बटालियन हैदराबाद, अहमदाबाद, इलाहाबाद, मुंबई, दिल्ली, अलीगढ़, कोयंबटूर, जमशेदपुर, भोपाल और मेरठ में स्थित हैं.
अधिकारियों का कहना है कि नूंह बटालियन जिले के एक पुलिस थाने में तैनात एक छोटी इकाई सहित अन्य स्थानों से काम कर रही थी. हरियाणा के नूंह में सोमवार को विश्व हिंदू परिषद की शोभायात्रा को रोकने की कोशिश को लेकर सांप्रदायिक हिंसा शुरू हो गई. बाद में हिंसा पड़ोसी गुरुग्राम और अन्य स्थानों पर फैल गई. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बुधवार को कहा कि हिंसा में अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 116 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 90 को हिरासत में लिया गया है.
राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्र द्वारा नूंह और आसपास के जिलों में आरएएफ की एक दर्जन सहित विभिन्न केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की बीस कंपनियां तैनात की गई हैं. आरएएफ की एक बटालियन में करीब 1,200 कर्मी होते हैं और ये विरोध प्रदर्शन या दंगे जैसी स्थितियों के मामले में सुरक्षा और कानून व्यवस्था लागू करने के लिए घातक राइफल, उपकरण तथा पंप एक्शन गन, आंसू गैस के ग्रेनेड, पानी बौछार करने वाले वाहन गैर-घातक हथियारों से लैस होते हैं. बता दें कि, अक्टूबर 1992 में आरएएफ का गठन किया गया था.
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