Haryana News: अक्सर देखा जाता है कि सरकार से अपनी मांगों को मनवाने के लिए लोग किसी हत्या या दुर्घटना का शिकार हुए लोगों का शव रखकर प्रदर्शन करते हैं. लेकिन, अब हरियाणा में ऐसा नहीं होगा, क्योंकि सरकार इस तरह के विरोध-प्रदर्शनों पर अब कानून बनाने जा रही है. इस कानून के तहत अब सार्वजनिक जगहों पर शव के साथ विरोध प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगने वाला है. इसमें शव के साथ प्रदर्शन करने पर सजा का साथ-साथ जुर्माना भी हो सकता है. वहीं पुलिस को भी इस मामले में सख्ती बरतनी होगी. विरोध-प्रदर्शन की आशंका होने पर उन्हें शव को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई करनी होगी. शीतकालीन सत्र के दौरान हरियाणा सरकार (Haryana Government) ये कानून ला सकती है.


गौरतलब है कि हरियाणा के अलग-अलग जिलों से अक्सर शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन करने की खबरें अक्सर आती रहती हैं. इसकी वजह से खूब हंगामा भी होता है तो सड़कों पर जाम भी लग जाता है. अभी तीन दिन पहले भी हरियाणा रोडवेज के ड्राइवर की हत्या के बाद शव के साथ प्रदर्शन किया गया था. उससे पहले भिवानी में भी एक हत्या के बाद ही हुआ था. गृह विभाग ने अब इस बिल पर काम शुरू कर दिया है.


एक साल की सजा का भी हो सकता है प्रावधान


इस बिल के मुताबिक शव के साथ विरोध प्रदर्शन नहीं किया जा सकता है. विरोध प्रदर्शन करने की स्थिति में परिजनों को शव का पहले अंतिम संस्कार करना होगा. वो अगर ऐसा नहीं करते तो एक साल की कारावास की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माने तक का प्रावधान है. परिवार के साथ-साथ अगर कोई संगठन या फिर परिवार से बाहर के लोग भी अगर शव के साथ प्रदर्शन करते हैं तो उसपर भी कार्रवाई की जा सकती है. 


प्रशासन की जिम्मेदारी भी होगी तय


इस बिल के तहत प्रशासन की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी. अगर परिजन शव नहीं लेते और विरोध प्रदर्शन पर अड़े रहते हैं तो अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी प्रशासन की होगी. थाना एसएचओ को अगर लगता है कि शव का इस्तेमाल विरोध प्रदर्शन के लिए किया जा सकता है तो इसकी जानकारी डीएसपी को देनी होगी. इसके बाद डीएसपी एसडीएम को आगे की कार्रवाई के लिए सूचित करेंगे. पहले डीएसपी एसडीएम मिलकर परिजनों से शव के अंतिम संस्कार के लिए आग्रह करेंगे. अगर फिर भी वो नहीं मानते तो प्रशासन 12 घंटे के अंदर शव का अंतिम संस्कार कर देगा. 


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