Haryana News: अनिज विज का एलान- डचेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के मरीजों को मिलेगा 2500 रुपये का मासिक पेंशन
डीएमडी एक खतरनाक जानलेवा बीमारी है. अगर समय रहते इस बीमारी का इलाज ना किया जाए तो मरीज की मौत हो सकती है. बच्चों में होने वाली इस बीमारी में मरीज की मांशपेशियां कमजोर होने लगती हैं.
Haryana News: हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज (Anil Vij) ने मंगलवार को विधानसभा को सूचित किया कि राज्य में अनुवांशिक बीमारी डचेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (डीएमडी) से ग्रस्त मरीजों को 2500 रुपये प्रति माह की दर से पेंशन दी जाएगी. डीएमडी (DMD) बीमारी में मांसपेशियों का विकास नहीं हो पाता और व्यक्ति शारीरिक रूप से कमजोर होता है.
महंगा है डीएमडी का इलाज
विज ने यह जानकारी विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक असीम गोयल के सवाल के जवाब में दी. उन्होंने कहा कि डीएमडी अनुवांशिक बीमारी है और इसका इलाज महंगा होता है.
विज ने कहा, ‘‘हम ऐसे मरीजों को 2,500 रुपये प्रति महीने की दर से पेंशन देंगे.’’ अंबाला सिटी से बीजेपी विधायक गोयल ने रेखांकित किया था इस बीमारी से ग्रस्त मरीजों को हिमाचल प्रदेश, बिहार और राजस्थान जैसे राज्यों की सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करती है. गोयल ने इस मुद्दे पर ठोस नीति बनाने के साथ-साथ डीएमडी के मरीजों को वित्तीय सहायता देने की मांग की.
केंद्र सरकार देती है 50 लाख तक की वित्तीय सहायता
मंत्री विज ने कहा कि केंद्र सरकार डीएमडी सहित दुलर्भ बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को ‘‘हेल्थ केयर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’’ में इलाज कराने के लिए 50 लाख रुपये तक वित्तीय सहायता मुहैया कराती है. केंद्र ने चंडीगढ़ स्थित स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान सहित 10 ‘‘हेल्थ केयर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’’ स्थापित किए हैं जहां पर मरीज अपना इलाज करा सकते हैं.
क्या है डीएमडी
बता दें कि डीएमडी एक खतरनाक जानलेवा बीमारी है, यदि समय रहते इस बीमारी का इलाज ना किया जाए तो मरीज की मौत हो सकती है. बच्चों में होने वाली यह बीमारी काफी गंभीर होती है, इसमें मरीज की मांशपेशियां कमजोर होने लगती हैं. समय पर इलाज ना मिलने पर रोगी चलने फिरने में असमर्थ हो जाते हैं, यही नहीं उनकी मौत भी हो जाती है. डीएमडी के मरीज को स्टेम सेल थेरेपी के जरिए ठीक किया जाता है, इस थेरेपी के जरिए मरीज के क्षतिग्रस्त टिश्यू को फिर से सही किया जाता है. भारत में इस बीमारी के रोगियों की संख्या लाखों में है. उत्तर प्रदेश के आजमगढ़, बलिया, जौनपुर और बिहार के कुछ हिस्सों में इसके रोगी भारी संख्या में हैं.
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