Jat Reservation Movement: मंत्री अनिल विज ने दिए लंबित मुकदमों की लिस्ट तैयार करने के आदेश, स्टे हटाने के लिए कोर्ट से करेंगे आग्रह
Jat Reservation Movement: जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान लोगों पर हुए मुकदमों की वापसी को लेकर लंबे समय से चल रही मांग को लेकर अब सरकार कुछ मंथन कर रही है. जिसको लेकर अब कागजी कवायद भी तेज हो गई है.
Jat Reservation Movement: हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन मामले की आहट एक बार फिर सुनाई दी है. जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान लोगों पर हुए मुकदमों की वापसी को लेकर लंबे समय से चल रही मांग को लेकर अब सरकार कुछ मंथन कर रही है, जिसको लेकर अब कागजी कवायद भी तेज हो गई है. मंगलवार को प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज ने गृह विभाग के आला अधिकारियों के साथ अहम बैठक की, बैठक में गृह मंत्री ने अफसरों को लंबित मुकद्दमों की सूची तैयार करने के आदेश दिए है.
2016 में हुए जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान प्रदेशभर में करीब 2100 लोगों पर मुकद्दमे दर्ज किए गए थे. 1400 के करीब मामलों को कैंसिल भी किया जा चुका है और बहुत से लोगों के मुकद्दमे कैंसिल होने की राह पर हैं. लेकिन इसमें से करीब 500 लोग ऐसे भी है जिनपर सरकार द्वारा मुकदमा लेने की कोई कार्रवाई नहीं की गई. कई मामलों पर तो हाईकोर्ट ने खुद रोक लगाई है.
गृह मंत्री के साथ हुई इस बैठक में हरियाणा के महाधिवक्ता बलदेव राज महाजन, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद, डी.जी.पी. पी.के. अग्रवाल और सी.आई.डी. प्रमुख आलोक मित्तल भी मौजूद रहे. वहीं इस बैठक के बाद कहा जा रहा है कि अब सरकार पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में 19 दिसंबर को होने वाली सुनवाई के दौरान स्टे हटाने का आग्रह करेगी. HC ने 2018 में सुनवाई के दौरान केस वापस लेने पर रोक लगाई थी, तब से यह मामले लंबित चल रहे हैं. हालांकि इस पूरे मामले में सुनवाई के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी.
अब जाटों की क्या है रणनीति
वहीं जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुए मुकदमों की वापसी की सुगबुगाहट के बीच अब भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति भी 10 दिसंबर को जसिया गांव में एक अहम बैठक करने वाली है. वहीं इस बैठक से पहले संभावना जताई जा रही है कि गृह मंत्री अनिल विज समिति के जाट पदाधिकारियों से मीटिंग कर सकते है. वहीं 10 को जसिया में होने वाली इस बैठक में जाट समुदाय के हजारों लोग शामिल हो सकते है.
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