Haryana Khap on Marriage Bill: गुरुवार को जींद में इकट्ठा हुए कई खाप नेताओं ने कहा कि केंद्र को प्रस्तावित 21 के बजाय 18 साल की उम्र में माता-पिता को अपनी बेटियों की शादी करने की अनुमति देना जारी रखना चाहिए. दरअसल गुरुवार, 23 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंति के मौके पर हरियाणा के जींद में एक महांपचायत का आह्वान किया गया था. इसी पंचायत में फैसला लिया गया कि शादी की उम्र बढ़ाने से खाप को दिक्कत नहीं है लेकिन परिजनों को 18 वर्ष की उम्र में भी अपनी बेटी की शादी करने का अधिकार मिलना चाहिए.


100 खाप के प्रतिनिधियों ने पंचायत में भाग लिया


ढांडा खाप अध्यक्ष एवं खाप पंचायत के आयोजक देवव्रत ढांडा ने कहा कि लगभग 100 खाप के प्रतिनिधियों ने पंचायत में भाग लिया. ढांडा ने बताया कि “ज्यादातर खाप नेता बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 के मौजूदा प्रारूप के खिलाफ थे, जिसे मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया था और लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम कानूनी उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने का प्रयास किया गया था." विपक्ष की कई आपत्तियों के बाद विधेयक को संसदीय स्थायी समिति के पास भेजा गया. ढांडा ने कहा कि अब वे समिति के समक्ष अपनी बात रखेंगे.


18 साल की उम्र में अभिभावकों को बेटियों की शादी करने की अनुमति मिले


उन्होंने बताया कि अधिकांश खाप नेताओं की राय थी कि वर्तमान प्रावधानों के अनुसार माता-पिता को 18 वर्ष की आयु में अपनी बेटियों की शादी करने की अनुमति दी जानी चाहिए. एक खाप नेता ने कहा, "ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर आहार के कारण, 18 को बेटियों की शादी के लिए आदर्श उम्र माना जाता है क्योंकि वे इस उम्र में कानूनी रूप से वयस्क हो जाती हैं और मतदान जैसे सभी अधिकारों का लाभ उठाती है.हम 21 साल की उम्र में कोर्ट मैरिज के लिए उनकी उम्र का समर्थन करते हैं ताकि कोई भी उन्हें भगाने के लिए गुमराह न कर सके. कुछ मामलों में, हमने देखा है कि लड़कियां सिर्फ 18 साल की होने का इंतजार करती हैं ताकि वे कोर्ट मैरिज के लिए पुलिस सुरक्षा की मांग कर सकें. लड़कियां 21 साल की उम्र में काफी परिपक्व हो जाती हैं और वे कोई मूर्खतापूर्ण निर्णय नहीं लेंगी."


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