Haryana News: कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) कांग्रेस से इस्तीफा देकर अपना अलग रास्ता अख्तियार कर चुके हैं. 30 अगस्त को हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) ने गुलाम नबी आजाद से मुलाकात की थी. इसके बाद कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा (Kumari Selja) ने पार्टी आलाकमान से हुड्डा को कारण बताओ नोटिस जारी करने की मांग की है.
दरअसल गुलाम नबी आजाद ने जब कांग्रेस से इस्तीफा दिया तो उन्होंने ना सिर्फ कांग्रेस को बीमार पार्टी कहा था बल्कि गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा था कि बीमार पार्टी का इलाज डॉक्टर नहीं कंपाउंडर कर रहे हैं. वहीं इसके बाद जी-23 के सदस्यों में शुमार हुड्डा, आनंद शर्मा और पृथ्वीराज चव्हाण ने आजाद से उनके आवास पर मुलाकात की थी. इस मुलाकात को लेकर सैलजा समेत हरियाणा कांग्रेस के कई नेताओं ने हुड्डा पर सवाल उठाए थे. उन्होंने हुड्डा के इस कदम को पार्टी कार्यकर्ताओं को भ्रमित और निराश करने वाला बताया था.
कुमारी सैलजा ने हुड्डा पर उठाए सवाल
कुमारी सैलजा ने हुड्डा पर आरोप लगाते हुए कहा कि जो व्यक्ति पार्टी छोड़ चुके हैं, हमारे नेताओं पर निजी टिप्पणी कर रहे हैं. उनके घर जाकर मुलाकात करने का क्या तुक बनता है. इससे पार्टी के कार्यकर्ताओं में ना सिर्फ निराशा होगी बल्कि भ्रम भी पैदा होगा. सैलजा ने कहा कि ऐसी गतिविधि बर्दाश्त नहीं होगी भले ही वो कांग्रेस की प्रदेश इकाई के संचालन में खुली छूट ही क्यों ना हासिल रखते हों.
दरअसल हुड्डा और सैलजा के बीच हरियाणा में गुटबाजी काफी पहले से जगजाहिर रही है. मामला भले ही बागी गुलाम नबी आजाद से मुलाकात का क्यों ना हो लेकिन इस मौके का फायदा हरियाणा में हुड्डा विरोधी गुट उठाने से नहीं चूक रहा है. गौरतलब है कि हुड्डा जी-23 के उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने अगस्त 2020 में कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखकर संगठन में बदलाव और सभी स्तरों पर चुनाव कराने की मांग की थी.