Haryana Mukhyamantri Awas Yojana: चुनाव से पहले बड़ा ऐलान, गरीबों को मिलेंगे सबसे सस्ते फ्लैट-प्लॉट, बस इन शर्तों को करना होगा पूरा
Chandigarh News: हरियाणा में एक लाख गरीबों को आवास की सुविधा दी जाएगी. जिसके वार्षिक आय 1 लाख 80 हजार रुपए तक उनको इस स्कीम का लाभ मिलेगा. इसके लिए 19 अक्टूबर तक रजिस्ट्रेशन करा सकते है.
Haryana News: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने चुनाव से पहले प्रदेश के लोगों को बड़ा तोहफा दिया है. सीएम खट्टर ने घोषणा की है कि प्रदेश के गरीब परिवारों को एक लाख सस्ते फ्लैट और प्लॉट दिए जाएंगे. इसके लिए सीएम खट्टर ने मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना रजिस्ट्रेशन पोर्टल भी लॉन्च किया है.
19 अक्टूबर तक कराएं रजिस्ट्रेशन
मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर 1 लाख 80 हजार रुपए तक की वार्षिक आय वाले गरीब परिवार 19 अक्टूबर तक रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. सरकार की तरफ से गुरुग्राम, पंचकूला, सोनीपत और फरीदाबाद 4 जिलों में गरीब परिवारों को सिर्फ फ्लैट का विकल्प दिया है. इसके अलावा बाकी के जिलों में प्लॉट और फ्लैट दोनों का विकल्प है.
कितनी होगी फ्लैट-प्लॉट की कीमत?
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा ये सभी आवास कॉलोनियां बनाई जाएंगी, जिनमें सभी मूलभूत सुविधाएं होंगी. इसके आलावा आवास निर्माण में आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा. एचएसवीपी प्लॉटों के लिए जमीन मुहैया कराएगा. एक-एक मरला के 50 हजार प्लॉट और 450 स्क्वेयर फीट तक के 50 हजार फ्लैट बनाकर गरीब परिवारों को दिए जाएंगे. जानकारी के अनुसार, प्लॉट की कीमत 1 लाख रुपये, जबकि फ्लैट की कीमत 6 से 8 लाख रुपये हो सकती है.
बस इन शर्तों को करना होगा पूरा
परिवार की सालाना आय 1.80 रुपये से कम होनी चाहिए. परिवार पहचान पत्र के तहत परिवार का पंजीकृत होना अनिवार्य किया गया है. घुमंतू जाति के परिवारों को आवास को लेकर प्राथमिकता दी जाएगी. इसके लिए लाभार्थी या उनके परिवार के किसी सदस्य के नाम पक्का मकान पंजीकृत नहीं होना चाहिए. सीएम खट्टर ने कहा कि प्रदेश के कितने गरीब परिवारों को मकान व प्लॉट की जरूरत है, उसके अनुसार योजना को आगे भी बढ़ाया जा सकता है.
सीएम ने ई-भूमि पोर्टल भी किया लॉन्च
सीएम खट्टर ने ई-भूमि पोर्टल भी किया लॉन्च किया है. इस पोर्टल पर किसानों के अलावा एग्रीगेटर्स भी अपनी जमीन देने की पेशकश कर सकते है. जमीन की पेशकश 6 माह तक मान्य रहेगी. इसके अलावा एग्रीगेटर का आयकरदाता होने के साथ-साथ उसके पास पीपीपी आईडी भी होनी चाहिए.
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