Naib Singh Saini Targetted Congress: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मंगलवार (25 जून) को स्वतंत्रता सेनानियों, उनके आश्रितों के साथ-साथ आपातकाल पीड़ितों और मातृभाषा सत्याग्रहियों की मासिक पेंशन में भारी बढ़ोतरी की घोषणा की है. सैनी ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों और उनके आश्रितों की पेंशन 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 40 हजार रुपये कर दी गई है. 


उन्होंने कहा कि आपातकाल पीड़ितों और मातृभाषा सत्याग्रहियों की पेंशन बढ़ाकर 20 हजार रुपये कर दी गई है. नई पेंशन की दरें 1 जुलाई से लागू होंगी. सीएम सैनी ने ये घोषणा ऐसे समय में की हैं, जब हरियाणा में अक्टूबर 2024 में चुनाव होने हैं.


मातृभाषा सत्याग्रहियों का आंदोलन 'धर्मयुद्ध'


हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पिछले साल अक्टूबर में 1957 के 'हिंदी आंदोलन' में भाग लेने वाले 'मातृभाषा सत्याग्रहियों' और आपातकाल पीड़ितों के लिए पेंशन राशि 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये करने की घोषणा की थी. 1957 में तत्कालीन पंजाब के हिंदी भाषी क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी मातृभाषा के सम्मान, प्रचार और कार्यान्वयन के लिए धर्मयुद्ध शुरू किया था. उन्हें 'मातृभाषा सत्याग्रही' के रूप में जाना जाता है. 


करीब सात साल पहले हरियाणा की बीजेपी सरकार ने राज्य के उन निवासियों को मासिक पेंशन देने का फैसला किया था, जो जून 1975 से मार्च 1977 के बीच आपातकाल के दिनों में पीड़ित थे और जेल गए थे. इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उन्होंने देश की आजादी के लिए असंख्य बलिदान दिए. 


जनभावना को कैद करने का प्रयास - सीएम सैनी


उन्होंने लोकतंत्र को बहाल करने और संविधान की भावना को बनाए रखने के लिए आपातकाल के दौरान लड़ने वाले 'सत्याग्रहियों' को भी श्रद्धांजलि दी, सैनी ने आपातकाल की 49वीं वर्षगांठ पर कांग्रेस पर तीखा हमला किया. भारत की जनभावना को कैद करने के भीषण प्रयास का नाम 'आपातकाल' था, जिसने देश और दुनिया के सामने कांग्रेस के चरित्र को उजागर किया, सैनी ने एक्स पर हिंदी में एक अन्य पोस्ट में कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह ‘काला दिन’ है, 


सीएम ने कहा कि मैं, उन सभी सत्याग्रहियों को नमन करता हूं, जिन्होंने भयंकर यातनाएं झेलने के बावजूद आपातकाल का विरोध किया और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की.


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