Haryana News: गुरुग्राम में 9 मार्च को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, पेंडिंग मामलों का किया जाएगा निपटारा
Lok Adalat Gurugram: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव ललिता पटवर्धन ने बताया कि सहमति से हल होने वाले मामलों में लोक अदालत कारगर सिद्ध हुए हैं. इस अदालत के फैसले के खिलाफ अपील नहीं की जा सकती है.
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Gurugram News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे साइबर सिटी गुरुग्राम में अगले माह से राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है. इसमें काफी समय से अदालत में पेंडिंग पड़े केसों का निपटारा किया जाएगा. इस दौरान पेंडिंग पड़े केसों में दोनों पक्षों को बुलाकर आपसी राजीनामा कराकर केसों का निपटारा किया जाएगा. अदालत में लंबित पड़े मामलों के निपटारे के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण और हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से 9 मार्च को जिला गुरुग्राम में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा.
राष्ट्रीय लोक अदालत में पेंडिंग पड़े मामलों में अपने केस को अपने वकील के जरिए या ऊपरी अदालत में जाकर निपटारा करवाया जा सकता है. मामलों के निपटारे के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव ललिता पटवर्धन ने बताया, "न्यायालय में लंबित मामलों को आपसी सहयोग और सौहार्दपूर्ण माध्यम से निपटाने के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण और हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से मार्च महीने में जिला गुरुग्राम में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है."
इन मामलों का होगा निपटारा
ललिता पटवर्धन ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति का कोई प्रकरण न्यायालय में लंबित है, तो वह लोक अदालत के माध्यम से मामले का निपटारा करा सकता है. लोक अदालत में दोनों पक्षों की आपसी सहमति और राजीनामे से विवाद को निपटाया जाता है. उन्होंने बताया कि इससे जल्द और आसान न्याय, कोई अपील नहीं, अंतिम रूप से निपटारा, समय की बचत जैसे लाभ मिलते हैं. राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक लोन से संबंधित मामले, मोटर एक्सीडेंट, एनआई एक्ट, फौजदारी, रेवेन्यू, वैवाहिक विवाद का निपटारा किया जाएगा.
'कारगर सिद्ध हो रहे हैं लोक अदालत'
राष्ट्रीय लोक अदालत की उपयोगिता का जिक्र करते हुए ललिता पटवर्धन ने बताया कि आपसी सहमति से हल हो सकने वाले मामलों में लोक अदालत बहुत ही कारगर सिद्ध हो रहे हैं. लोक अदालत में सुनाए गए फैसले की उतनी ही अहमियत है, जितनी सामान्य अदालत में सुनाए गए फैसले की होती है. उन्होंने बताया कि लोक अदालत में सुनाए गए फैसले के खिलाफ अपील दायर नहीं की जा सकती. लोक अदालत में सस्ता और आसान न्याय मिलता है. राष्ट्रीय लोक अदालतों के माध्यम से लोगों को बिना समय और पैसा गवाएं मामलों का समाधान किया जाता है. इसमें न तो किसी पक्ष की हार होती है और ना ही जीत, बल्कि दोनों पक्षों की आपसी सहमति से विवादों का समाधान करवाया जाता है.
रिपोर्ट- राजेश यादव
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