Haryana News: हरियाणा में फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूरों (Workers) की सैलरी (Salary) को लेकर अब संकट खड़ा होता नजर आ रहा है. प्रदेश में करीब 16 हजार औद्योगिक इकाइयां और फैक्ट्रियां है जिनमें 13 हजार बड़ी तो तीन हजार मीडियम कुछ छोटी इकाईयां है. पानीपत, गुरुग्राम, सोनीपत, झज्जर, जींद, फरीदाबाद, रोहतक इन जिलों में ऐसी फैक्ट्रियों (Factories) की संख्या अधिक है. जिनसे सैलरी को लेकर सरकार को लगातार शिकायतें मिल रही है. बताया जा रहा है करीब 30 हजार मजदूरों की सैलरी का संकट बना हुआ है.


मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दिए जांच के आदेश
मजदूरों की सैलरी का मामला अब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (CM Manohar Lal Khattar)  तक पहुंच गया है. ऐसे में इस मामले पर संज्ञान लेते हुए सीएम खट्टर ने हरियाणा श्रम विभाग को एक महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए है. श्रम विभाग को कहा गया है कि औद्योगिक इकाइयों के द्वारा मजदूरों की कम कम सैलरी दी जा रही है. उसपर निष्पक्ष रूप से विस्तृत जांच जांच की जाए. अभी कुछ दिनों में भी सीएम मनोहर लाल खट्टर जब फरीदाबाद के दौरे पर थे उन्हें वहां के स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा मजदूरों की सैलरी संकट को लेकर शिकायत की गई थी.


श्रमिकों की दिहाड़ी में सरकार ने की थी 3.89 प्रतिशत की बढ़ोतरी
श्रमिकों की दिहाड़ी में हरियाणा सरकार ने 3.89 प्रतिशत की थी और उसे जनवरी 2022 से लागू करने का आदेश दिया गया था. जिसमें अकुशल श्रमिकों का न्यूनतम 10 हजार 98 रुपए 88 पैसे मासिक तय किया गया था. इसके अलावा अर्ध कुशल 'ए' कैटेगरी के श्रमिकों के लिए 10 हजार 607 रुपए मासिक तय किए गए थे. वही 'बी' कैटेगरी के श्रमिकों के लिए 11 हजार 133 रुपए तय किए गए और उच्च कुशल श्रमिकों के लिए 12 हजार 888 रुपए तय किए गए. 


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