Haryana News: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Chief Minister Manohar Lal Khattar) चाहते हैं कि दिल्ली से हरियाणा ( Haryana) का एक तिहाई हिस्सा अलग हो जाए. इसे लेकर मनोहर लाल खट्टर ने एनसीआर (NCR) योजना बोर्ड को पत्र भी भेजा है. मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में इसकी वजह बताते हुए लिखा है कि एनसीआर (NCR) का हिस्सा होने से हरियाणा को लाभ से ज्यादा नुकसान हो रहा है. खबर है कि एनसीआर योजना बोर्ड ने खट्टर सरकार की दलीलों पर विचार करते हुए उनकी मांगें मान ली हैं.


हरियाणा के हिस्से को एनसीआर से अलग करने के लिए खट्टर ने ये कहा


गौरतलब है कि हरियाणा के हिस्से को एनसीआर से अलग करने के मुद्दे पर मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि दिल्ली पर शहरीकरण का बोझ कम करने के लिए एनसीआर का विस्तार किया गया था. इसलिए दिल्ली के आसपास के इलाकों की तरह दिल्ली को भी विकसित करने के लिए यह फैसला लिया गया. समय बीतने के साथ-साथ एनसीआर क्षेत्र बढ़ता गया और विकास के साथ-साथ इसके कई दुष्परिणाम भी सामने आने लगे हैंय  एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जब राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) प्रतिबंध लगाता है, तो यह लगभग 57% हरियाणा को प्रभावित करता है. चाहे वह प्रदूषण या निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगाना हो या उस पर अंकुश लगाना हो. हरियाणा के कुछ हिस्सों को एनसीआर से बाहर करने से कई इलाकों की बड़ी आबादी इस तरह के प्रतिबंधों से मुक्त हो जाएगी.


हरियाणा के ये 14 जिले एनसीआर क्षेत्र में आते हैं



  • हरियाणा में कुल 22 जिले हैं. जिनमें से 14 जिले वर्तमान में एनसीआर क्षेत्र में आते हैं.

  • इनमें जींद, महेंद्रगढ़, करनाल, भिवानी, चरखी दादरी, पलवल, झज्जर, रेवाड़ी, सोनीपत, पानीपत, रोहतक, नूंह, गुड़गांव और फरीदाबाद शामिल हैं.

  • वहीं दिल्ली का सिर्फ 2.69 फीसदी हिस्सा एनसीआर क्षेत्र में आता है जबकि, हरियाणा का 45.98 फीसदी हिस्सा आता है.  
    उत्तर प्रदेश में एनसीआर क्षेत्र की 26.92 प्रतिशत और राजस्थान में 24.41 प्रतिशत हिस्सेदारी है.  इस तरह उत्तर प्रदेश के आठ जिले और राजस्थान के दो जिले एनसीआर क्षेत्र में आते हैं.


खट्टर की बात मानी जाती है तो कई जिलों के कुछ हिस्से ही एनसीआर में आएंगे


बहरहाल यदि केंद्र सरकार हरियाणा सरकार की मांगे स्वीकार कर लेती है तो हरियाणा के कई जिलों के कुछ हिस्से ही एनसीआर के तहत आएंगे. हालांकि वर्तमान में पूरा करनाल जिला एनसीआर के अंतर्गत आता है. लेकिन अगर हरियाणा का एनसीआर वाला हिस्सा काट दिया जाएगा तो बाकी करनाल जिला एनसीआर से आजाद हो जाएगा, एनसीआर के तहत सिर्फ घरौंदा तहसील ही रहेगी.


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