Farmer Protest: तीन कृषि कानूनों के रद्द होने के बावजूद केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी और बाकी मांगों को लेकर हरियाणा के किसान संगठनों ने एकजुटता दिखाने की कोशिश की है. आंदोलन में हिस्सा ले रहे हरियाणा के किसान संगठनों ने दावा किया है कि जब तक सारी मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा. 


हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा ने कुंडली बॉर्डर पर 26 संगठनों की बैठक बुलाई थी. किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने हालांकि इस बैठक से दूरी बनाए रखी. किसान नेता मनदीप सिंह नाथवान ने कहा कि ''एमएसपी गारंटी कानून पर लीपापोती मंजूर नहीं होगी. सरकार को यह घोषणा करनी होगी कि जो समिति बनाई जा रही है वह एमएसपी गारंटी कानून जरूर बनाएगी.''


हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा ने मुख्य मांगों में दो और जोड़ दी गई हैं. हरियाणा के किसान भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल-2013 और संपत्ति क्षतिपूर्ति कानून वापस लेने की मांग पर भी अड़ गए हैं. किसान नेताओं ने कहा कि ''पंजाब और हरियाणा में स्थिति अलग-अलग है. हरियाणा में बीजेपी की सरकार है, इसीलिए किसानों पर दर्ज मुकदमों को फिलहाल वापस नहीं लिया गया है, जबकि पंजाब में यह घोषणा कर दी गई है.''


एसकेएम ने बुलाई है बैठक


हरियाणा एसकेएम के नेताओं ने कहा कि प्रदेश में किसानों पर दर्ज सभी 48 हजार मुकदमे वापस लेने होंगे. साथ ही कुंडली बॉर्डर पर शहीद किसानों की याद में एक स्मारक भी बनाना होगा. थानों में बंद किसानों के ट्रैक्टर व अन्य वाहन भी छोड़ने होंगे. लखीमपुर के दोषियों को सजा देनी होगी. 


बता दें कि इससे पहले ऐसे खबरें आई थीं कि आंदोलन को खत्म करने पर किसान संगठनों के बीच फूट सामने आ रही है. शनिवार चार दिसंबर को किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने अहम बैठक बुलाई है.


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