Haryana News: देश में वैसे तो सरकारे एक से एक हाई तकनीकों की बात करती है. बड़े-बड़े प्रोजेक्टों को भारी-भरकम मशीनों से पूरा किया जा रहा है और आगे सभी सरकार बड़े-बड़े प्रोजेक्टस को मशीनों से पूरा करवाने की बात कहती है लेकिन कुछ काम ऐसे भी जो मशीनें होने के बावजूद भी मजदूरों से करवाया जाता है और जिसकी कीमत उन्हें जान देकर चुकानी पड़ती है. कुछ ऐसा ही हुआ है हरियाणा में. जहां सीवरेज सफाई के दौरान 10 महीनों में 20 मजदूरों की मौत हो गई है.


मजदूरों की मौत का आंकड़ा आने के बाद हरियाणा सरकार सकते में आ गई है. प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मामले पर संज्ञान लेते हुए 19 पेज की SOP जारी करवाई है और साथ ही अधिकारियों को उस SOP का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है.


SOP में दिए गए है यह निर्देश


एसओपी में जारी निर्देश के अनुसार अब सीवर सफाई केवल प्रशिक्षित व्यक्तियों से ही करवाई जाएगी. सीवर सफाई करते समय रोशनी की पूरी व्यवस्था होगी साथ ही डिटेक्टर लैंप, गीला एसीटेट पेपर या गैस डिटेक्टर मास्क का प्रयोग किया जाना जरूरी किया गया है. साथ ही मौके पर एंबुलेंस का होना जरूरी है. इसके अलावा सीवर में जहरीली गैस का पता लगाने के लिए मौके पर गैस मोनिटर भी होना आवश्यक है. वहीं जब मजदूर सफाई के लिए मेनहोल में उतरे तो समय उसके पास तीन लोगों का रहना जरूरी है. यहीं नहीं अब SOP में जारी निर्देश में यह भी कहा गया है कि अब सीवर की मैनुअल सफाई अंतिम विकल्प होगा. ब्लॉकेज होने पर पहले जेटिंग और सक्शन मशीन से ब्लॉकेज को साफ करने का प्रयास किया जाएगा. अगर उसके बाद भी ब्लॉकेज साफ नहीं होगा तो SOP में जारी सभी निर्देशों के आधार पर एक्सपर्ट की मौजूदगी में सीवरेज की सफाई करवाई जाएगी। 


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