Haryana Nuh Violence: हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा के बाद अब राजनीति शुरू हो गई है. कांग्रेस-बीजेपी के नेता एक दूसरे पर चुनाव में फायदा लेने के लिए दंगे भड़काने का आरोप लगा रहे हैं. इसी बीच हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीएम मनोहर लाल खट्टर पर निशाना साधा है.
'पुलिस के बजाय होमगार्ड को भेजा'
हुड्डा ने कहा, 'नूंह में जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है. मेवात में 1947 में कभी दंगा नहीं हुआ. अगर प्रदेश सरकार समय पर सही कदम उठाती तो यह दंगे न होते. सरकार ने पुलिस की बजाय होमगार्ड नियुक्त किए हुए थे. प्रशासन को पहले ही पुलिस तैनात कर देनी चाहिए थी. स्थानीय बीजेपी सांसद राव इंद्रजीत ने खुद कहा कि ये सरकार की नाकामी है. सरकार ने सही समय पर सही कदम उठाए होते तो यह घटना टल सकती थी.'
'दंगे से किसी भी पक्ष को फायदा नहीं'
हुड्डा ने आगे कहा कि, 'जब दंगा होता है तो उससे किसी भी पक्ष को फायदा नहीं होता, बल्कि लोगों को बहुत नुकसान होता है. नुकसान राज्य और देश का होता है. गुरुग्राम और फरीदाबाद औद्योगिक शहर हैं और गुरुग्राम में कई MNC के कार्यालय हैं. स्कूल और कॉलेज बंद हैं और इन MNC के कार्यालय बंद हैं तो, कौन भुगतेगा? देश और राज्य.'
'हरियाणा में हर कोई असुरक्षित है'
हुड्डा ने कहा कि मोनू मानेसर को लेकर सीएम और डिप्टी सीएम के बयान भी विरोधाभाषी हैं. विडंबना है कि जुलाई में G-20 की बैठक गुडगांव में हुई थी, जिसका विषय अपराध और सुरक्षा था. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने खट्टर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, हरियाणा में हर कोई असुरक्षित है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वो शांति बनाए रखें. साथ ही सरकार से मांग की कि, दंगे के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो.
'पूरी तरह से फेल हुई BJP सरकार'
भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि, हाईकोर्ट के जज के अंतर्गत जांच होनी चाहिए कि सरकार नाकाम क्यों रही? वहीं मामन खान को लेकर उठ रहे सवालों पर हुड्डा ने कहा कि उन्होंने काफी पहले विधानसभा में बयान दिया था, जबकि दंगा अब हुआ है. खट्टर के इस्तीफे के सवाल पर हुड्डा ने कहा कि, ये सरकार नाकाम हो गई है, इस सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. हुड्डा ने हरियाणा में चुनाव से पहले बीजेपी के दंगे भड़काने के सवाल पर कहा कि चुनाव पूरे देश में होने वाले हैं. ऐसा माहौल देश के हित में नहीं है. भाजपा-जजपा सरकार पूरी तरह से कानून व्यवस्था को कायम करने में विफल साबित हुई है.