Haryana News: नूंह हिंसा के बाद हरियाणा के कई जिलों से मुस्लिमों का बहिष्कार करने का फरमान जारी किया गया था. जिसको लेकर अपने सरकार सख्त नजर आ रही है. मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने कहा कि उनको इस मामले की जानकारी मिल चुकी है. जिसको लेकर उन्होंने जिला प्रशासनों को सख्त निर्देश दिए है कि ऐसा कृत्य कानून के तहत स्वीकार्य नहीं है, जिन लोगों की तरफ से ऐसे फरमान जारी किए गए है उनपर कार्रवाई की जानी चाहिए. मीडिया रिपोर्टस के अनुसार रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और झज्जर जिले की करीब 50 ग्राम पंचायतों ने एक पत्र जारी गांव में मुस्लिम व्यापारियों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी. 31 जुलाई को हुई नूंह हिंसा के बाद यह फैसला लिया गया है.
नूंह हिंसा के बाद ग्रामीणों में आक्रोश
‘द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, रेवाड़ी जिले के अटेली ब्लॉक के सेहतपुर गांव के सरपंच विकास यादव ने बताया कि अटेली ब्लॉक 43 ग्राम पंचायतों में ले 30-35 ग्राम पंचायतों ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए है. नूंह हिंसा के बाद इन गांवों के लोगों में भारी आक्रोश था, वो अपने सांप्रदायिक सौहार्द्र में कोई खलल नहीं चाहते. सरपंच विकास यादव ने बताया कि इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने के पीछे उनका उद्देश्य केवल यह है कि बाहरी लोग जो उनके गांवों में आकर व्यापार करते उनका सत्यापन करना है. इन लोगों में कुछ कुछ असामाजिक तत्व भी हो सकते हैं जो कानून व्यवस्था में भी अड़चन पैदा करते है.
‘ऐसे प्रस्ताव हमारे संघीय ढांचे के लिए खतरा’
वहीं मुस्लिमों के बहिष्कार को लेकर जारी प्रस्तावों को लेकर नूंह से कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने कहा कि हमारे संविधान और कानून के अनुसार ऐसे प्रस्ताव हमारे संघीय ढांचे के लिए खतरा हैं. देश में कानून व्यवस्था की रक्षा के लिए ऐसे प्रस्ताव पास करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
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