Chandigarh : हरियाणा पुलिस ने सीबीआई और इंटरपोल के अधिकारियों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करके एक मृत व्यक्ति के एक रक्त संबंधी (ब्लड रिलेटिव) के डीएनए का मिलान करके विदेश में एक शव की पहचान की है. एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि कुरुक्षेत्र जिले से जुड़े मामले में पुलिस ने डीएनए जांच में आपसी कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) या लेटर रोगेटरी (आरएल) जैसी लंबी प्रक्रियाओं का सहारा नहीं लिया. यह पहली बार है कि इंटरपोल के मानकीकृत डिजिटल प्रारूप का उपयोग कर डीएनए मिलान का ऐसा केस किया गया है.


प्रारंभ में, हरियाणा पुलिस ने डीएनए का फिजिकल सैंपल भेजा था जो इंटरपोल चैनलों के माध्यम से नहीं भेजा जा सका. बाद में, डिजिटल प्रारूप डीएनए प्रोफाइल को पुलिस द्वारा इंटरपोल मानकीकृत प्रारूप में एकत्र किया गया और पुलिस ने चंडीगढ़ में सीएफएसएल से डीएनए का डिजिटल प्रोफाइल प्राप्त किया और उसी दिन इंटरपोल के 24 घंटे खुला रहने वाले चैनलों के माध्यम से क्रोएशिया को भेज दिया गया.


इस संबंध में कुरुक्षेत्र जिले की रहने वाली परमजीत कौर से शिकायत मिली थी, जिसमें उन्होंने कहा कि उनका बेटा परमिंदर इटली जाना चाहता है. आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उन्हें पता चला कि उनका बेटा सर्बिया पहुंच गया है और बाद में उसे हवाई मार्ग से इटली भेजा जाएगा. उन्हें सूत्रों से यह भी पता चला कि क्रोएशिया में एक अज्ञात शव मिला था, जिसके बारे में उन्हें संदेह था कि यह उनके बेटे परमिंदर सिंह का है.


शिकायतकर्ता ने आशंका व्यक्त की कि आरोपी गौरव गुप्ता और अन्य लोगों ने पैसे की लालच में उसके बेटे की हत्या की हो ऐसा हो सकता है. शिकायत के आधार पर 13 अप्रैल 2022 को पिहोवा कस्बे में औपचारिक मामला दर्ज किया गया था. इसके बाद मृत परमिंदर के रिश्तेदारों ने क्रोएशिया में उसके शव की पहचान के लिए हाईकोर्ट में मामला दायर किया था. 21 नवंबर 2022 के हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में, परमजीत कौर (परमिंदर सिंह की मां) का डीएनए नमूना कुरुक्षेत्र पुलिस की ओर से एकत्र किया गया था और डीएनए प्रोफाइलिंग के लिए केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) को भेजा गया था.


सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद परमजीत कौर का डीएनए प्रोफाइल जमा करने के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय से संपर्क किया गया. सीबीआई-आईपीसीयू (सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन-इंटरनेशनल पुलिस को ऑपरेशन यूनिट) ने एनसीबी-जाग्रेब (क्रोएशिया) के साथ किए गए संचार और विषय की पहचान करने के लिए उठाए जा रहे कदमों का विवरण देते हुए हाईकोर्ट में एक स्थिति रिपोर्ट दायर की थी.


सीबीआई ने इंटरपोल का डिजिटल डीएनए फॉर्मेट हरियाणा पुलिस के साथ साझा किया था और ब्लड रिलेटिव यानी पटमजीत कौर का डिजिटल डीएनए फॉर्मेट हासिल किया था. इसे एनसीबी-जाग्रेब (क्रोएशिया) को ईमेल किया गया था. डीएनए अनुक्रम एनसीबी-नई दिल्ली द्वारा एनसीबी जगरेब (क्रोएशिया) को मेल किया गया था. यह क्रोएशियाई अधिकारियों द्वारा मिलान किया गया था और 13 फरवरी को सकारात्मक पहचान दी गई थी.


इसकी सूचना हरियाणा पुलिस और पीड़ित के परिजनों को भी दी गई. एनसीबी-जाग्रेब (क्रोएशिया) ने डिजिटल डीएनए प्रोफाइलिंग के आधार पर परमिंदर सिंह के संदिग्ध अज्ञात शव की सकारात्मक पहचान की सूचना दी. इन घटनाक्रमों से मृतक के परिजनों को अवगत करा दिया गया है. हालांकि, शव को क्रोएशियाई सरकार ने पहले ही दफना दिया है, परिवार के सदस्य अब भारत सरकार की सहायता से क्रोएशिया से अंतिम अवशेषों का दावा करने के लिए आगे बढ़ेंगे.


ये भी पढ़ें :- Punjab: पंजाब में सीएम हाउस के बाहर शिक्षकों का प्रदर्शन, जॉइनिंग नहीं होने की वजह से हैं नाराज