Haryana Political Crisis: हरियाणा से बड़ी खबर सामने आ रही है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी और जेजेपी का गठबंधन टूट गया है. इसको लेकर विधायक गोपाल कांडा का भी बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि गठबंधन लगभग टूट चुका है. लोकसभा चुनाव में हरियाणा की सभी सीटें बीजेपी जीतेंगी. वहीं अगर विधानसभा की बात करें तो हरियाणा में सात निर्दलीय और एक गोपाल कांडा को मिला लें, तब भी बीजेपी के पास आंकड़े 48 हो जाते हैं. ऐसे में जेजेपी से गठबंधन तोड़ने पर भी बीजेपी को कोई नुकसान नहीं होने वाला है.


क्या है हरियाणा विधानसभा का गणित?
हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटें हैं. अभी फिलहाल 90 सीटों में से 41 बीजेपी के पास तो 30 कांग्रेस, 10 सीटें इनेलो, एक हलोपा और सात निर्दलीय हैं. हरियाणा में बहुमत के 46 विधायक चाहिए. ऐसे में हरियाणा में पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी को जब 41 सीटें मिली थीं तो उन्होंने जेजेपी के 10 विधायकों को साथ लेकर सरकार बनाई थी. जेजेपी से गठबंधन करने पर दुष्यंत चौटाला को डिप्टी सीएम बनाया गया था.


अब सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनाव से पहले सीट शेयरिंग पर दोनों पार्टियों के बीच बात नहीं बन पाई. ऐसे में माना जा रहा है कि दोनों पार्टियों ने गठबंधन तोड़ दिया है, लेकिन जेजेपी से गठबंधन तोड़ने के बाद भी बीजेपी आसानी से सरकार में रह सकती है. इसकी वजह है बीजेपी के पास 41 विधायक हैं और 7 निर्दलीय भी उनके समर्थन में हैं. वहीं हलोपा विधायक गोपाल कांडा भी बीजेपी के समर्थन में हैं. इससे बीजेपी के पास बहुमत के आंकड़े से भी सीटें ज्यादा बन रही हैं.


निर्दलीय विधायक की गठबंधन टूटने पर आई प्रतिक्रिया
इस बीच हरियाणा के निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत की भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि मैं कल मुख्यमंत्री से मिला. हमने पहले ही सीएम मनोहर लाल के नेतृत्व वाली सरकार को अपना समर्थन दे दिया है. हमने लोकसभा चुनाव की रणनीति पर भी चर्चा की. मुझे यह आभास हुआ कि जेजेपी से गठबंधन तोड़ने की शुरुआत हो चुकी है.


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