Haryana Political Crisis: लोकसभा चुनाव के बीच हरियाणा में मंगलवार (7 मई) को बड़ा सियासी उलटफेर हुआ है. करीब दो महीने पहले गठित हुई नायब सिंह सैनी सरकार के भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. प्रदेश की सैनी सरकार सियासी अंकगणित में उलझती हुई दिख रही है. दरअसल अभी तक बीजेपी सरकार को समर्थन देने वाले तीन निर्दलीय विधायक कांग्रेस के साथ खड़े हो गए हैं.


हरियाणा में बीजेपी की सरकार से समर्थन लेने वाले तीन विधायकों में पुंडरी के रणधीर गोलन, नीलोखेड़ी के धर्मपाल गोंदर और चरखी दादरी के सोमवीर सांगवान का शामिल हैं. इन तीनों ही निर्दलीय विधायकों ने कहा किसानों की समस्या समेत तमाम मुद्दे देखते हुए सैनी सरकार से समर्थन वापस ले रहे हैं.


 



हरियाणा का संख्याबल


हरियाणा में सैनी सरकार की मौजूदा स्थिति?


हरियाणा में तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद बीजेपी की सैनी सरकार का समीकरण गड़बड़ दिखाई दे रहा है. 90 विधानसभा वाले हरियाणा में अब मौजूदा स्थिति क्या है. उसे आंकड़ों के जरिये समझने की कोशिश करते हैं. JJP के समर्थन वापस लेने के बाद सैनी सरकार को बीजेपी के 41 और गोपाल कांडा के अलावा 6 निर्दलीय विधायक समर्थन कर रहे थे. यानि सैनी सरकार के पास 48 विधायकों का समर्थन हासिल था.


लेकिन अब राज्य में सियासी समीकरण बदल गए हैं. मनोहर लाल खट्टर और निर्दलीय विधायक रहे रणजीत चौटाला बीजेपी के सिंबल पर लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. इन दोनों ने ही विधानसभा की सदस्यता छोड़ दी है. यानि सैनी सरकार के पास 46 विधायकों का समर्थन बचा था. अब इसमें से भी 3 निर्दलीय विधायक अब कांग्रेस के साथ खड़े हो गए हैं. यानि सैनी सरकार के पास मौजूदा स्थिति में सिर्फ 43 विधायकों का ही समर्थन हासिल है.


हरियाणा सरकार पर सियासी संकट!


हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर और रणजीत चौटाला के इस्तीफे के बाद राज्य विधानसभा में विधायकों की संख्या 88 है. इस हिसाब से बहुमत के लिए 45 विधायकों के समर्थन की जरूरत है, जो पूरी होती हुई नहीं दिखाई दे रही. उधर, कांग्रेस का कहना है कि हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार ने विश्वासमत खो दिया है. 


भूपिंदर सिंह हुड्डा ने की राष्ट्रपति शासन की मांग


पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाकर जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव करने की मांग की है. हुड्डा ने तीनों विधायकों का आभार जताया है. उन्होंने दावा करते हुए कहा है कि जनभावना को ध्यान में रखकर सही समय पर लिया गया सही फैसला रंग जरूर लाएगा. आज जनता ही नहीं बीजेपी को वोट देने वाले और समर्थन देने वाले लोग भी सरकार की नीतियों से दुखी हैं.


सीएम नायब सिंह सैनी क्या बोले?


हालांकि हरियाणा में बीजेपी इतनी आसानी से हार मान जाएगी, ऐसा लगता नहीं है. क्योंकि जेजेपी के 10 विधायकों में कौन किसके साथ खड़ा हो जाएगा...ये कहना मुश्किल है...वहीं नायब सिंह सैनी करनाल से विधानसभा का उपचुनाव लड़ रहे हैं. अगर वो जीत जाते हैं, तो बीजेपी की एक और सीट बढ़ जाएगी. तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने पर सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा, ''विधायकों की कुछ इच्छाएं होती हैं, कांग्रेस आजकल इच्छाएं पूरी करने में लगी हुई है. लोग सब जानते हैं कि किसकी क्या इच्छा है. कांग्रेस को जनता की इच्छाओं से कोई मतलब नहीं है."


हरियाणा को लेकर इससे पहले खबर आई थी कि बीजेपी को समर्थन देने वाले चार निर्दलीय विधायक कांग्रेस के साथ जा सकते हैं. लेकिन जब रोहतक में प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई, तो सिर्फ तीन विधायक ही सामने आए. ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस अभी भी बाकी निर्दलीयों को साथ जोड़ने की कोशिश में पूरी तरह से जुटी हुई है.


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