Bhupinder Singh Hooda Attacks on BJP: कांग्रेस (Congress) नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शुक्रवार को कहा कि हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने निरस्त किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज सभी मामले वापस लेने के अपने वादे को पूरा नहीं किया है. यही कारण है कि किसानों ने एक बार फिर सड़कों पर उतरने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि "कई महीने बीत चुके हैं, लेकिन सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया है. फ्लिप-फ्लॉप की सरकार हरियाणा चला रही है, जो बार-बार अपने वादे तोड़ती है."


सोनीपत के गोहाना में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार जानबूझकर किसानों को बार-बार सड़कों पर आने के लिए मजबूर कर रही है. उन्होंने कहा कि किसानों की मांग पूरी तरह जायज है. उनके खिलाफ दर्ज सभी मामले तुरंत वापस लिए जाएं, अगर मौजूदा सरकार ऐसा नहीं करती है तो अगले चुनाव के बाद राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने पर यह फैसला लिया जाएगा.


400 रुपये प्रति क्विंटल होना चाहिए गन्ने का भाव: हुड्डा
साथ ही उन्होंने कहा, "कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान जान गंवा देने वाले किसानों को शहीद का दर्जा दिया जाएगा, उनके परिवारों को आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी दी जाएगी." उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने अभी तक साल 2022-23 के लिए गन्ने के लिए राज्य की ओर से अनुमोदित मूल्य (एसएपी) तय नहीं किया है, जबकि पेराई कार्य शुरू होने वाला है. उन्होंने मांग की कि राज्य में गन्ने का भाव कम से कम 400 रुपये प्रति क्विंटल होना चाहिए, जो अभी 362 रुपये है. किसान की लागत लगातार बढ़ रही है और अब गन्ने के अवशेषों से पेट्रोलियम उत्पाद भी बनाए जा रहे हैं."


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भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बीजेपी सरकार पर लगाया घोटाले का ओराप
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि राज्य में बीजेपी सरकार कई घोटालों की चपेट में आई है. प्रदेश में शराब, जमीन की रजिस्ट्री, बिजली मीटर, धान और गेहूं घोटाले जैसे कई घोटाले सामने आ चुके हैं, लेकिन आज तक किसी भी मामले में सरकार ने ऊंचे पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई नहीं की. निचले स्तर के अधिकारियों पर कार्रवाई कर मामले को दबा दिया. उन्होंने कहा कि घोटालों की जांच के लिए गठित एसआईटी की रिपोर्ट कभी दिन के उजाले को नहीं देखती है. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और अपराध के मामले में हरियाणा को नंबर वन बनाया है. पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश, रोजगार सृजन, किसानों की समृद्धि के मामले में हरियाणा नंबर वन था.


'एकतरफा नीतियों वजह से मेडिकल छात्र सड़कों पर उतरने को मजबूर'
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि हरियाणा में देश में सबसे ज्यादा 31.8 फीसदी बेरोजगारी दर है. सरकार की एकतरफा नीतियों के कारण राज्य के मेडिकल छात्र भी सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं. उन्होंने रहा, "मैंने रोहतक पीजीआईएमएस अस्पताल में चिकित्सा शुल्क वृद्धि और बांड नीति का विरोध करने वाले छात्रों से भी मुलाकात की थी. कांग्रेस इस मुद्दे को विधानसभा में उठाएगी, क्योंकि सरकार के इस फैसले से गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चे चिकित्सा शिक्षा से वंचित हो जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने खुद कहा है कि शिक्षा का व्यवसायीकरण नहीं किया जा सकता.


किसान नेता ने दी थी आंदोलन की चेतावनी
इससे पहले भारतीय किसान यूनियन (चारुनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चारुनी ने गुरुवार को चेतावनी दी थी कि अगर राज्य सरकार ने आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज सभी मामलों को वापस नहीं लिया तो 24 नवंबर को किसान जीटी रोड जाम कर देंगे. वहीं हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा था कि राज्य पुलिस की ओर से दर्ज किए गए ज्यादातर मामले वापस ले लिए गए हैं और बाकी को छोड़ने की प्रक्रिया चल रही है.