Haryana Politics: हरियाणा बीजेपी में लोकसभा चुनाव के पहले रार! बीरेंद्र सिंह बोले- गठबंधन रहा तो छोड़ दूंगा पार्टी
बीरेंद्र सिंह ने हाल के महीनों में इस बात पर जोर दिया है कि भाजपा को 2024 का लोकसभा और विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ना चाहिए.
Haryana Politics: भारतीय जनता पार्टी की हरियाणा इकाई के नेता बीरेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा कि यदि भाजपा-JJP गठबंधन जारी रहा तो वह पार्टी छोड़ देंगे. उन्होंने जननायक जनता पार्टी (JJP) पर राज्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया. उन्होंने अपने गढ़ जींद में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि अगर भाजपा सोचती है कि JJP अगले साल के चुनाव में गठबंधन के वोट ले सकती है, तो वे गलत हैं. सिंह ने चुटकी लेते हुए कहा, ''JJP को अपने वोट भी नहीं मिलने वाले हैं.''
उन्होंने हाल के महीनों में इस बात पर जोर दिया है कि भाजपा को 2024 का लोकसभा और विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ना चाहिए.
साल 2019 में विधानसभा चुनाव में भाजपा के बहुमत से दूर रहने के बाद अजय सिंह चौटाला के नेतृत्व वाली पार्टी ने इसे समर्थन दिया था. हालांकि, हाल के हफ्तों में, JJP और भाजपा दोनों ने कहा है कि वे सभी 10 लोकसभा और 90 विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं. दोनों दलों ने संबंधों को जारी रखने पर कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई है.
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘अगर हरियाणा में भाजपा-JJP का गठबंधन जारी रहा तो बीरेंद्र सिंह नहीं रहेगा, ये बात साफ है.'' पूर्व केंद्रीय मंत्री ने JJP पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए कहा, 'JJP के एक बड़े नेता ने लोगों को इतना बड़ा धोखा दिया है, जितना हरियाणा के किसी अन्य नेता ने नहीं दिया.'
वह 'मेरी आवाज सुनो' नाम की रैली को संबोधित कर रहे थे जिसका आयोजन एक 'गैर-राजनीतिक कार्यक्रम' के रूप में सिंह के समर्थकों ने किया. कांग्रेस के साथ अपने पिछले जुड़ाव के बारे में उन्होंने कहा, 'मैं 42 साल तक उस पार्टी में था और समर्पण के साथ काम किया. कांग्रेस ने मुझे पूरा सम्मान दिया और मुझे राजीव गांधी तथा सोनिया गांधी का समर्थन एवं विश्वास मिला.'
'बीरेंद्र सिंह हमेशा अपने मन की बात कहता है'
उन्होंने कहा, 'लेकिन हर कोई जानता है कि मैंने कांग्रेस क्यों छोड़ी. मुझे एक पत्र मिला कि मुझे संप्रग-2 के दौरान केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जा रहा है और मेरे 6,000 समर्थक मेरे दिल्ली आवास पर एकत्र हुए थे. शपथ लेने से ठीक चार घंटे पहले, निर्णय बदल दिया गया.’’
सिंह ने कहा, 'यह मंत्री पद न दिए जाने के बारे में नहीं था, लेकिन जब आपको शामिल किए जाने के बारे में एक पत्र मिलता है और यह सार्वजनिक होता है तथा उसके बाद निर्णय बदल दिया जाता है, तो इससे मुझे दुख होता है.'
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें भाजपा से बहुत सम्मान मिला है और उनके लिए पार्टी की आलोचना करने का कोई कारण नहीं है. भाजपा नेता ने कहा, ''लेकिन बीरेंद्र सिंह हमेशा अपने मन की बात कहता है और यही मेरा स्वभाव है.''