Haryana Political Crisis: हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी ने मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. नायाब सिंह सैनी  राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे. समाचार लिखे जाने तक इस पूरे घटनाक्रम पर जनता जननायक पार्टी और उसके नेता पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. सूत्रों की मानें तो बीजेपी और जेजेपी के बीच अलायंस लोकसभा में सीट शेयरिंग के मुद्दे पर टूटा. सूत्रों के अनुसार दुष्यंत, बीजेपी से हरियाणा में दो सीटें मांग रहे थे लेकिन बीजेपी इस पर तैयार नहीं हुई. पहले भी इस आशय की सूचना आई थी कि बीजेपी हरियाणा में अकेले चुनाव लड़ेगी. अब यह पक्का माना जा रहा है.


हालांकि मंगलवार को जिस तरह से खट्टर ने इस्तीफा दिया और फिर नए सीएम के नाम पर मुहर लगी, वह कहीं से भी अचानक नहीं हुआ है. दरअसल, नंवबर 2023 में राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान ही बीजेपी जेजेपी में खटपट शुरू हो गई थी. 3 दिसंबर को आए चुनाव परिणामों में जेजेपी को नोटा से भी कम वोट मिले थे. इतने कम वोट आने के बाद से ही जेजेपी की बीजेपी के साथ मुश्किलें बढ़ने लगीं थी.


राजस्थान में जेजेपी के अकेले चुनाव लड़ने के एलान से बीजेपी के कई नेता खफा थे और उन्होंने पार्टी हाईकमान से अपील की थी कि आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव पार्टी अकेले लड़े थे. राजस्थान में पहली बार चुनाव लड़ रही जेजेपी ने राज्य की 19 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. 


राजस्थान में जेजेपी को थी ये उम्मीद
जेजेपी को आशा थी कि वह राजस्थान की फतेहपुर, दांता रामगढ़, नीम का थाना, हिंडौन, कोटपूतली और सूरतगढ़, इन 6 विधानसभा सीटों पर अपना असर दिखा सकती है.  दिसंबर 2018 में दुष्यंत चौटाला ने भारतीय राष्ट्रीय लोक दल यानी INLD से अपनी राहें अलग कर लीं थीं. राजस्थान में  दुष्यंत चौटाला ने 20 से अधिक रैलियां की थीं. विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद दुष्यंत ने कहा था कि इस चुनाव के बाद और बेहतर तरीके से काम करेंगे.


JJP ने राजस्थान चुनाव में फतेहपुर में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया था.नंद किशोर महरिया 23,851 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर थे. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी लोकसभा चुनाव में जेजेपी की क्या रणनीति होगी और वह किस रणनीति के तहत बीजेपी को टक्कर दे पाएगी.


खट्टर की जगह लेंगे नायब सिंह सैनी, विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद क्या बोले?