Punjab News: हरियाणा में गर्मी बढ़ने की वजह से बिजली की मांग में भारी इजाफा देखने को मिला है. अप्रैल महीने में ही बिजली की भारी मांग ने पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. हरियाणा में 13 से 17 अप्रैल के बीच बिजली की मांग में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इसी वजह से अगले कुछ दिनों में बिजली कटौती भी देखने को मिल सकती है.


बिजली विभाग के अधिकारी पीके दास ने बताया कि पिछले साल की तुलना में हरियाणा में बिजली की मांग 30 फीसदी ज्यादा बढ़ गई है. अंग्रेजी अखबार द ट्रिब्यून से बात करते हुए पीके दास ने कहा, ''पिछले साल की तुलना में इस बार बिजली की मांग बहुत ज्यादा है. इस साल बिजली की मांग में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.''


हरियाणा के पास 8,135 मेगावाट बिजली उपलब्ध है. लेकिन 17 अप्रैल को हरियाणा में 8,297 मेगावाट बिजली की डिमांड रही है. बिजली विभाग ने आंदेशा जताया है कि आने वाले दिनों में बिजली की मांग में और ज्यादा इजाफा देखने को मिल सकती है.


कोयला भी बना समस्या


पीके दास ने कहा, ''हम बिजली की मांग में 10 फीसदी बढ़ोतरी होने का अनुमान लगा रहे थे. लेकिन हमारा अनुमान सही नहीं रहा और बिजली की मांग में सीधे 30 फीसदी बढ़ोतरी देखने को मिली. हालांकि सिर्फ यूनिट में सिर्फ एक फीसदी कट ही लगाए गए हैं. लेकिन आने वाले दिनों में डिमांड और ज्यादा बढ़ सकती है.''


हरियाणा बिजली विभाग अलग अलग जगह से बिजली की खरीद कर मांग को पूरा कर रहा है. अडानी पावर से राज्य 1,424 मेगावाट बिजली की खरीब कर रहा है. फरीदाबाद की गैस बेस्ड यूनिट 432 मेगावाट बिजली पैदा कर रही है. हिसार में थर्मल प्लांट से 600 मेगावाट बिजली पैदा की जा रही है. 


इसके अलावा राज्य में कोयले का संकट भी बढ़ता जा रहा है. कोयले की खरीद में तेजी की वजह से उसका खर्च 10 फीसदी तक बढ़ गया है.


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