SYL Dispute: बेनतीजा रही हरियाणा-पंजाब सीएम की बैठक, मान बोले- हमारे पास बांटने के लिए पानी नहीं
Chandigarh News: भगवंत मान ने कहा कि हरियाणा हमारा छोटा भाई है लेकिन पंजाब के पास बांटने के लिए पानी नहीं है ऐसे में पंजाब में नहर के हिस्से का निर्माण पूरा करने का सवाल ही नहीं पैदा होता.
Punjab News: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर विवादास्पद सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर को लेकर शुक्रवार को यहां एक बैठक में किसी समझौते पर नहीं पहुंच सके. मान ने हालांकि हरियाणा को पंजाब का 'छोटा भाई' बताया लेकिन कहा कि पंजाब के पास बांटने के लिए पानी नहीं है और पंजाब में नहर के हिस्से का निर्माण पूरा करने का सवाल ही नहीं पैदा होता.
दोबारा किया जाए पानी की मात्रा का आकलन
उन्होंने कहा कि अगर हरियाणा में पानी की कमी महसूस की जाती है, तो पंजाब और हरियाणा दोनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संपर्क कर सकते हैं और उनसे यमुना या गंगा या कहीं और से पानी उपलब्ध कराने का अनुरोध कर सकते हैं. मान ने यहां हरियाणा निवास में हुई बैठक में नदियों के पानी की मात्रा के पुन: आकलन की आवश्यकता पर बल दिया. वहीं, खट्टर ने कहा कि पंजाब अपने भू-भाग में नहर के निर्माण पर सहमत नहीं हुआ. उन्होंने कहा, 'बैठक में कोई सहमति नहीं बनी.' उन्होंने कहा कि पंजाब पहले नदी के पानी का मुद्दा उठाना चाहता था, लेकिन हरियाणा उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार नहर के निर्माण पर चर्चा चाहता था.
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आपसी समाधान निकालने का आदेश
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बैठक के बारे में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को अवगत कराएगी. पिछले महीने, उच्चतम न्यायालय ने दोनों मुख्यमंत्रियों को मुलाकात करने और पानी के बंटवारे के इस मुद्दे का कोई सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने के लिये कहा था. एसवाईएल नहर को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच कई दशकों से विवाद बना हुआ है. पंजाब का कहना है कि रावी और ब्यास नदियों का जलस्तर काफी कम हो गया है और इसलिए पानी की मात्रा के पुन: आकलन की आवश्यकता है, जबकि हरियाणा एसवाईएल नहर को पूरा किए जाने की मांग कर रहा है ताकि उसे नदी के पानी का 35 लाख एकड़ फुट का अपना हिस्सा मिल सके. इसके साथ ही हरियाणा का यह भी कहना है कि पंजाब को उच्चतम न्यायालय के 2002 और 2004 के आदेशों का पालन करना चाहिए जिनमें उसे नहर पूरा करने के लिए कहा गया है.
मान ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने एसवाईएल मुद्दे पर ‘होमवर्क’ किया था और उन्होंने पंजाब के पक्ष को मजबूती से रखा. उन्होंने कहा कि हरियाणा को अभी 1.41 करोड़ एकड़ फुट पानी मिल रहा है जो पंजाब से अधिक है. मान के मुताबिक, उनके राज्य को रावी और ब्यास से 42.2 लाख एकड़ फुट पानी मिलता है, जबकि हरियाणा को 35 लाख एकड़ फुट पानी मिलता है. उन्होंने कहा कि सतलुज से पंजाब को 80.2 लाख एकड़ फुट पानी मिलता है जबकि हरियाणा को 43.3 लाख एकड़ फुट पानी मिलता है.
मान बोले- हमारे पास बांटने को पानी नहीं
मान ने दावा किया कि कुल मिलाकर पंजाब को 1.22 करोड़ एकड़ फुट पानी मिलता है जबकि हरियाणा को 1.41 करोड़ एकड़ फुट पानी मिलता है. उन्होंने कहा, 'हरियाणा ने हमें पंजाब में नहर का निर्माण आरंभ करने को कहा. हमने कहा कि जब हमारे पास पानी ही नहीं है, तो हम नहर का निर्माण क्यों करें?' उन्होंने कहा, 'हम हरियाणा को अपना छोटा भाई मानते हैं, लेकिन अगर हमारे पास कोई चीज नहीं है तो हम कैसे दे सकते हैं?' उन्होंने एसवाईएल मुद्दे पर शिरोमणि अकाली दल एवं कांग्रेस पर भी निशाना साधा. केंद्र ने 6 सितंबर को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया था कि इस विवाद को सुलझाने में पंजाब सरकार ‘सहयोग नहीं’ कर रही है.
केंद्र की ओर से पेश तत्कालीन अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने उच्चतम न्यायालय की एक पीठ के समक्ष कहा था कि सर्वोच्च अदालत ने 2017 में इस विवाद का सौहार्दपूर्ण समाधान करने को कहा था और केंद्र अपने जल संसाधन मंत्रालय के जरिए दोनों राज्यों को एक साथ लाने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा था कि दुर्भाग्य से पंजाब इसमें सहयोग नहीं कर रहा है.
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