Gurugram News Today: रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (RERA), गुरुग्राम ने माहिरा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड की सभी पांच रियल एस्टेट परियोजनाओं को रद्द कर दिया है. माहिरा प्रमोटर द्वारा रेरा अधिनियम के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया. साथ ही गुरुग्राम के कई क्षेत्रों में अपनी सभी पांच किफायती आवास परियोजनाओं का निर्माण काम पूरा करने में विफल रहने के बाद प्राधिकरण ने यह कदम उठाया है.


प्राधिकरण रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम 2016 की धारा 7(1) (ए), (बी) और (डी) के प्रावधानों के तहत प्राधिकरण ने पंजीकृत किफायती आवास परियोजनाओं के पंजीकरण को रद्द किया. प्राधिकरण ने धारा 7(4)(ए) के तहत आगे निर्देश दिया कि प्रमोटर को उन परियोजनाओं के संबंध में अपनी वेबसाइट तक पहुंचने से रोक दिया जाएगा. साथ ही प्रमोटर का नाम प्राधिकरण की वेबसाइट पर डिफॉल्टरों की सूची में डाल दिया जाएगा.


अधिनियम की धारा 7(4)(सी) के तहत यह भी निर्देश दिया गया है कि परियोजनाओं के बैंक खाते रखने वाले संबंधित बैंक अगले आदेश तक परियोजनाओं के खातों को फ्रीज रखेंगे. प्राधिकरण ने कहा कि यह रेरा अधिनियम 2016 के प्रावधानों और उसके तहत बनाए गए नियमों और विनियमों के तहत आवंटियों के वैधानिक अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना है.


रेरा अधिनियम 2016 के तहत की गई कार्वाई
मामले के तथ्यों और कार्रवाई के दौरान रिकॉर्ड पर लाए गए विवरणों को देखने के बाद पता चला कि प्रमोटर ने जानबूझकर रेरा अधिनियम 2016 और नियमों और विनियमों के तहत कई प्रावधानों का उल्लंघन किया है. प्राधिकरण ने पाया है कि प्रमोटर ने अपनी सभी पांच परियोजनाओं में निर्दोष घर खरीदारों द्वारा जमा की गई राशि को गैरकानूनी तरीके से डायवर्ट किया है.


ये हैं माहिरा होम्स की आवास परियोजनाएं
गुरुग्राम में माहिरा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड की माहिरा होम्स नाम से पांच किफायती आवास परियोजनाएं शुरू की गई हैं. इनमें माहिरा होम्स सेक्टर 68, माहिरा होम्स सेक्टर 104, माहिरा होम्स सेक्टर 103, माहिरा होम्स सेक्टर 63ए और माहिरा होम्स सेक्टर 95 शामिल है. प्राधिकरण पहले 14 फरवरी को इन सभी पांच परियोजना स्थलों पर निर्माण प्रगति का निरीक्षण किया था.


रेरा अध्यक्ष ने दी जानकारी
रेरा के अध्यक्ष अरुण कुमार ने कहा है कि माहिरा होम प्रमोटर ने कई खातों में चूक की है. हम रेरा अधिनियम के संरक्षक हैं और हमें आवंटियों के अधिकारों की रक्षा करनी है. हमारे पास इसकी सभी पांच परियोजनाओं के पंजीकरण को रद्द करने और परियोजनाओं को पूरा करने के लिए किसी दूसरे विकल्प की प्रतीक्षा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.


(राजेश यादव की रिपोर्ट)



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