Haryana Weather Today: हरियाणा से अब मानसून की होगी विदाई, जानिए अब तक कितनी हुई बारिश, आगे ऐसा रहेगा मौसम
Weather Update Today: जून महीने में एंट्री लेने वाले मानसून की अब सितंबर महीने में हरियाणा से विदाई होने वाली है. इस मानसून सीजन में हरियाणा के 6 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है.
Haryana Weather Today: हरियाणा में जून महीने के आखिर सप्ताह में मानसून ने अपनी दस्तक दे दी थी. लेकिन अब लगभग 3 महीने बाद प्रदेश से मानसून की विदाई होने वाली है. मौसम विभाग की माने तो आने वाले 2 दिनों के अंदर अब हरियाणा से मानसून की विदाई हो जाएगी. अरब सागर पर एक प्रति चक्रवात बन गया है. प्रदेश के कुछ जिलों को छोड़कर बाकि के जिलों में इस मानसून में अच्छी बारिश हुई है.
अगस्त और सितंबर में दिखाई दिया अलनीनो का असर
बात करें जून और जुलाई महीने की तो दो-तीन जिलों को छोड़कर बाकि के जिलों में मानसून की गतिविधियां सामान्य से अधिक रही. लेकिन अगस्त और सितंबर महीने अलनीनो का असर दिखाई दिया और मानसून की गतिविधियों पर ब्रेक सा लग गया. जिसकी वजह से प्रदेश में मानसून की विदाई के दौरान प्रदेश में बारिश सामान्य से कम दर्ज हुई है.
कुल 419.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज
मौसम विभाग के अनुसार, 1 जून से 25 सितंबर के दौरान हरियाणा एनसीआर व दिल्ली में कुल 419.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है. जबकि मानसून के सीजन में इस संपूर्ण इलाके में 423.3 मिलीमीटर सामान्य बारिश दर्ज की जाती है, जो कि सामान्य बारिश से 1 प्रतिशत कम है.
6 जिलों में सामान्य से कम हुई बारिश
मौसम विभाग के अनुसार, हरियाणा के 6 जिलों में जहां सामान्य से कम बारिश हुई है. वहीं प्रदेश के 16 जिले ऐसे है जिसमें सामान्य और सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है. हिसार जिले में इस बार समान्य से भी 54 प्रतिशत कम पानी बरसा है. 1 जून से 26 सितंबर तक हिसार में सिर्फ 138 एमएम बारिश हुई है. जबकि 298.1 एमएम तक सामान्य बारिश होनी चाहिए थी.
आगे ऐसा रहेगा मौसम
बंगाल की खाड़ी पर एक चक्रवात बना हुआ है. जो अगले 24 घंटे में अत्याधिक दबाव के क्षेत्र में तब्दील होकर बिहार, मध्यप्रदेश, उडीसा, छतीसगढ़ की तरफ बढ़ जाएगा. लेकिन अरब सागर पर स्थित प्रति चक्रवात इसे यूपी की तरफ धकेल सकता है. जिससे यूपी, बिहार, छतीसगढ़ और एमपी में तो बारिश की गतिविधियां दिखाई देगी लेकिन हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और राजस्थान से मानसून की विदाई हो जाएगी. वहीं 2-3 अक्टूबर को प्रति चक्रवात कमजोर होने से बंगाल की खाड़ी से आ रही मानसूनी हवाओं का असर दिखाई दे सकता है.
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