Lumpy Skin Disease: लंपी स्किन डिजीज से हरियाणा में दहशत, करनाल में 15 मामले दर्ज, जानिए- लक्षण और बचाव
Cattle Disease: इस रोग के संक्रमण के चलते जानवर का वजन घटने लगता है और दूध की मात्रा कम होने के साथ बुखार और मुंह में घाव हो सकते हैं. कुछ मामलों में इसके कारण रोगग्रस्त पशुओं की मौत भी हो जाती है.
Lumpy Disease In Haryana: हरियाणा के करनाल में लंपी स्किन वायरस पैर पसार चुका है. जिसकी वजह से स्वास्थ्य विभाग और पशु पालकों की चिंता बढ़ गई है. पशुपालन विभाग ने दावा किया है कि अब तक केवल 15 मामले सामने आए हैं. वहीं मिली जानकारी के अनुसार यह संख्या रिपोर्ट की तुलना में अधिक है. दरअसल लंपी त्वचा रोग कैप्रीपोक्स वायरस के कारण होता है, जो गायों और भैंसों को संक्रमित करता है.
आने वाले दिलों में बढ़ सकती है संख्या
लंपी त्वचा रोग के मामले हर दिन सामने आ रहे हैं. इस संक्रमण से मुख्य रूप से गायें संक्रमित हो रही हैं वहीं भैंसों में संक्रमण की दर कम है. पशु चिकित्सा विशेषज्ञ के अनुसार आने वाले दिनों में यह संख्या और अधिक हो सकती है. इस बीच करनाल में इस वायरस से किसी पशु की मौत नहीं हुई है, लेकिन गोवंश में फैली इस बीमारी से पशुपालक किसान काफी परेशान हैं क्योंकि उन्हें नुकसान हो रहा है.
करनाल में 15 मामले दर्ज
पशुपालन के उप निदेशक डॉ धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि जिले में 15 मामलों का पता चला है. वहीं किसानों को एडवाइजरी भी जारी की गई है. किसानों को पशुओं में बुखार, आंखों और नाक से स्राव, मुंह से लार, शरीर पर गांठ जैसे छाले, दूध में कमी और चारा सेवन में कमी जैसे लक्षण दिखने के बाद संक्रमित मवेशियों का इलाज शुरू करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह एक छूत की बीमारी है और मच्छर, टिक्स और मक्खियों के माध्यम से आसानी से फैलती है.
संक्रामक बीमारी है लंपी, तेजी से फैलती है
सामान्यतः पशुओं (Cattles) में होने वाली लंपी स्किन डिजीज (Lumpi Skin Disease) एक संक्रामक बीमारी (Infactive Disease) है. ये बीमारी बहुत ही तेजी से फैलती है. इसके वाहक मच्छर (Mosquito), मक्खी(Fly) , जूं (louse) इत्यादि हैं. इन परजीवियों (Parasites) के काटने के बाद जब वो दूसरे जानवरों को काटते हैं तो उनके खून से वायरस (Virus) दूसरे जानवरों के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं. ये बीमारी सीधे संपर्क में आने से भी फैलती है इसके अलाव ये बीमारी दूषित भोजन से भी जानवरों में फैलती है. इस बीमारी से पशुओं में तमाम लक्षण दिखाई देने के साथ ही उनकी मृत्यु होने का भय भी बना रहता है. पंजाब में संक्रमित मवेशियों की सूचना ज्यादातर डेयरी फार्मों से मिली है.
ये भी पढ़ें-