Hathras Stampede: हाथरस हादसे पर पंजाब के CM भगवंत मान ने जताया शोक, भगदड़ में 116 लोगों की मौत
Hathras Satsang Stampede: सीएम भगवंत मान ने कहा कि हाथरस में कई तीर्थयात्रियों की मृत्यु की दुखद खबर मिली. ईश्वर इस दुखद घटना में जान गंवाने वालों की आत्मा को शांति प्रदान करे
Bhagwant Mann On Hathras Stampede: यूपी के हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ में हुई मौत पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शोक जताया है. उन्होंने जान गंवाने वाले वाले लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई और घायलों को जल्द ठीक होने की कामना की.
सीएम भगवंत मान ने एक्स पर लिखा, "उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ के कारण तीर्थयात्रियों की मृत्यु की दुखद खबर मिली... मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि इस दुखद घटना में जान गंवाने वाले तीर्थयात्रियों की आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके परिवारों को दुख सहने की शक्ति प्रदान करें...साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं.
उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ के कारण तीर्थयात्रियों की मृत्यु की दुखद खबर मिली... मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि इस दुखद घटना में जान गंवाने वाले तीर्थयात्रियों की आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके परिवारों को दुख सहने की शक्ति प्रदान करें...साथ ही घायलों…
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) July 2, 2024
बता दें कि इस घटना में अब तक 116 लोगों की मौत हो गई है. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र में आयोजित एक सत्संग में मंगलवार को प्रवचनकर्ता भोले बाबा के दर्शन के लिए अनुयायियों में होड़ लग जाने और वहां की जमीन कीचड़ और फिसलन भरी होने से भगदड़ मची. चश्मदीद ने इसकी जानकारी दी.
सत्संग में शामिल होने के लिये अपने परिवार के साथ जयपुर से आयी एक महिला ने एटा में पोस्टमार्टम हाऊस पर बताया कि सत्संग के समापन के बाद लोग एकदम से बाहर निकलने लगे, जिससे भगदड़ मच गयी. एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, ‘‘हम सद्भावना कार्यक्रम समाप्त होने से पहले ही वहां से चले गए थे. कार्यक्रम पूर्वाह्न करीब 11.30 बजे शुरू हुआ था. धक्का-मुक्की के कारण यह घटना हुई. मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार वहां की व्यवस्थाएं कम थीं.'
प्रत्यक्षदर्शी सोनू कुमार ने बताया, ‘‘पानी की टंकियों और बारिश के पानी ने आस-पास की नालियों को भर दिया था, जिससे सतह फिसलन भरी हो गई थी.'' सोनू ने बताया कि ''जब गुरु जी लगभग डेढ़ घंटे बाद वहां से निकले, तो भक्त अचानक उनके पीछे उनके पैर छूने के लिए दौड़े, जैसे ही उनकी कार वहां से निकली, भक्तों को जमीन पर झुकते देखा जा सकता था.’’
सोनू कुमार ने बताया कि, ‘‘इसके बाद जब लोग वापस लौटे तो अचानक फिसलन भरी जमीन के कारण वे एक-दूसरे पर गिर पड़े.’’ उन्होंने बताया कि वहां कम से कम 10,000 लोगों की भीड़ थी.''
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