Hathras Satsang Stampede: यूपी के हाथरस में हुए हादसे के दौरान हरियाणा की चार महिलाओं की भी दर्दनाक मौत हो गई. महिलाओं की मौत के बाद आज उनके शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया. उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के बाद मची अफरा तफरी में हरियाणा के फरीदाबाद की तीन और एक पलवल की महिला की भी वहां भीड़ में दबकर मौत हो गई.


हरियाणा की चारों महिलाओं के शवों को आज उनके परिजनों को सौंप दिया गया. जब परिजन उनके शवों को लेकर हरियाणा के फरीदाबाद और पलवल पहुंचे तो आसपास के इलाकों में भी मातम का माहौल छा गया. सभी के चेहरों पर एक दर्द झलक रहा था.


सीएम योगी ने दिए जांच के निर्देश


हाथरस में सत्संग के दौरान हादसे में अब तक 120 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 150 से ज्यादा लोग अभी भी घायल हैं. घायलों का हाल-चाल पूछने आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी हाथरस के अस्पताल पहुंचे थे. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं.


फरीदाबाद की तीन महिलाओं में लीला और सरोज फरीदाबाद के रामनगर की रहने वाली थी जबकि तारा फरीदाबाद के संजय कॉलोनी की रहने वाली थी. जब उनके शवों को लाया गया तो पूरे इलाके में गम का माहौल बन गया. चारों तरफ मातम छा गया. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया.


मृतकों के परिजन प्रेम चंद और वीरपाल ने बताया कि करीब 60 लोग बस से सत्संग सुनने गए थे. सभी लोग परसों भोले बाबा के सत्संग सुनने के लिए फरीदाबाद और आसपास से गए थे. सत्संग के दौरान ही भगदड़ मचने से बहुत से लोगों की जान चली गई जिसमें तीन फरीदाबाद और एक पलवल की महिला भी शामिल थी.


हरियाणा के फरीदाबाद और पलवल की महिलाओं के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए जिनको लेकर उनके परिजन आज फरीदाबाद और पलवल पहुंचे और उनका दाह संस्कार किया गया इस दौरान सभी की आंखें गमगीन थी.


सत्संग करने वाले बाबा पर भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए


उनके परिजन हाथरस के प्रशासन पर बदइंतजामी का भी आरोप लगा रहे हैं. मृतकों के परिजनों का कहना है कि सत्संग करने वाले बाबा पर भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि उनके सत्संग में इतने लोगों की जान गई है. परिजनों ने आरोप लगाए कि सत्संग सुनने के लिए लगाए गए पंडाल के अंदर 50 हजार लोगों के सत्संग सुनने का ही इंतजाम किया गया था, लेकिन उस पंडाल में एक लाख से ज्यादा लोग पहुंच गए. जिसका कोई इंतजाम नहीं किया गया था. वहां व्यवस्था बिलकुल नहीं थी, जिसकी वजह से 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई. इसलिए सत्संग करने वाले बाबा पर भी कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.


सत्संग में मरने वाली महिलाओं के परिजनों ने बताया कि सत्संग के बाद जब बाबा जाते हैं तो वहां पर जल छिड़का जाता है और बाबा के चरणों की धूल लेने के लिए लोग आते हैं इसी दौरान जब जल छिड़का गया तो वहां पर कीचड़ हो गया तब जैसे ही लोग वहां आने लगे तो उसे कीचड़ में लोग फिसलने लगे जिसकी वजह से वहां भगदड़ मच गई और इतना बड़ा हादसा हो गया जिसमें 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई.


करने वाले लोगों के परिजन अब सत्संग करने वाले बाबा पर भी कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं अब सत्संग करने वाले बाबा पर क्या कार्यवाही होती है और उत्तर प्रदेश सरकार बाबा पर क्या कार्यवाही करती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा.


(रिपोर्ट राजेश यादव)


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