Punjab News: वारिस पंजाब दे का मुखिया अमृतपाल सिंह असम की डिब्रगढ़ जेल में सजा काट रहा है. राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत अमृतपाल और उसके साथियों की गिरफ्तारी हुई थी. अमृतपाल के साथ भी इसी जेल में बंद है. अमृतपाल के साथी सरबजीत सिंह कलसी की तरफ से पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट को जमानत याचिका लगाई गई थी. जिसे हाईकोर्ट रद्द करते हुए टिप्पणी की है कि भारत का संविधान सभी को सुरक्षा का तो अधिकार देता है लेकिन यह अधिकार अंतिम नहीं है
अन्य लोगों की स्वतंत्रता के अधिकारों की रक्षा के लिए इसे सीमित भी कर सकते है. ऐसे में अभी जमानत नहीं दी जा सकती है.
हाईकोर्ट ने खारिज की कलसी की जमानत याचिका
सरबजीत सिंह कलसी की तरफ से दायर याचिका में यह भी कहा गया है कि अजनाला थाने पर हुए हमले के मामले में उसके ऊपर दर्ज एफआईआर कॉलम 2 में है. जबकि पुलिस ने अभी उसे इस मामले में गिरफ्तार नहीं किया है. फिर भी उसे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है. याचिका में कहा गया है कि अजनाला थाने पर हमले के मामले में पुलिस को उससे पूछताछ करनी चाहिए. जिसपर हाईकोर्ट की तरफ से कहा गया कि पंजाब पुलिस की तरफ से एनएसए के तहत गिरफ्तारी कर डिब्रूगढ़ जेल भेजा गया है. तो इसके पीछे कई कारण है. इसके बाद हाईकोर्ट ने कलसी की जमानत याचिका खारिज कर दी.
36 दिन के बाद हो पाई थी अमृतपाल की गिरफ्तारी
आपको बता दें कि अजनाला हिंसा मामले में पुलिस जब अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने गई तो वो पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था. पुलिस ने अमृतपाल की तलाश में पंजाब सहिंत अन्य राज्यों में भी तलाशी अभियान चलाया. जिसके बाद 36 दिन बाद पंजाब पुलिस ने अमृतपाल को मोगा जिले में रोडे गांव के गुरुद्वारे से गिरफ्तार किया था.
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