Punjab News: पंजाब में साल 2015 में हुई बेअदबी की घटनाओं को लेकर चौंकाने वाला दावा हुआ है. बेदअदबी की घटनाओं की जांच के लिए गठित आयोग का नेतृत्व करने वाले न्यायमूर्ति (रिटायर्ड) रंजीत सिंह ने दावा किया कि फरीदकोट में कथित तौर पर गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के पीछे डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों का हाथ था. हालांकि यह मामला अभी कोर्ट में है.


पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ने यह भी कहा कि उपलब्ध सबूतों के अनुसार, बाद में बेअदबी की घटनाओं के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करने वालों पर पुलिस गोलीबारी के मामले में तत्कालीन पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी की सक्रिय भूमिका थी.


पूर्व न्यायाधीश ने 2015 में कथित बेअदबी और उसके बाद हुई पुलिस गोलीबारी की घटनाओं की जांच पर आधारित अपनी किताब 'द सैक्रिलेज' में यह खुलासा किया. बुधवार को यहां किताब का विमोचन किया गया.


एक साल में पूरी हो गई थी जांच


2017 के विधानसभा चुनाव में 2015 की बेअदबी की घटनाओं का मुद्दा काफी ज्यादा चर्चा में रहा था. कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से 2015 में बेअदबी की घटनाओं और इसका विरोध कर रहे सिखों पर कोटकपूरा में चलाई गई गोलियों की घटनाओं की जांच के लिए रिटायर्ड जज रंजीत सिंह की अगुवाई में आयोग बनाया था. 


रंजीत सिंह ने दावा किया कि उनकी अगुवाई वाली कमेटी ने एक साल के अंदर जांच पूरी करके रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जो विधानसभा के पटल पर रखी गई लेकिन यह रिपोर्ट जनता तक नहीं पहुंची.


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