Punjab News: कौमी इंसाफ मोर्चा के धरने को लेकर हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया है. पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने धरना नहीं हटाने पर पंजाब सरकार को भी जमकर फटकार लगाई है. हाईकोर्ट ने सरकार को अब धरना हटाने का आखिरी मौका देते हुए सख्त लहजे में कहा है कि अगर पंजाब सरकार अब भी धरना हटाने में विफल रही तो कोर्ट सेना को बुलाने में कोई संकोच नहीं करेगी.
'आंखों में धूल झोंकने का काम किया'
चंडीगढ़ की अराइव सेफ सोसाइटी ने एडवोकेट रवि कमल गुप्ता की तरफ से दायर याचिका में बताया गया है कि कौमी इंसाफ मोर्चा पंजाब के सिख बंदियों की रिहाई के लिए चंडीगढ़-मोहाली मार्ग पर मोर्चा लगाकर इसे बाधित किया हुआ है. जिसको लेकर एक बार फिर पंजाब सरकार से जवाब मांगा गया. हाईकोर्ट ने कहा कि पंजाब सरकार ने कोर्ट की आंखों में झूल झोकने का काम किया है. सरकार की नाकामी को कोर्ट ने उदार दृष्टिकोण का नतीजा बताते हुए कहा कि अगर सरकार की मंशा हो तो बड़े से बड़े धरना प्रदर्शन को रातों-रात हटाया जा सकता है, लेकिन सरकार की इच्छाशक्ति की कमी की वजह से वो 200 लोगों को भी धरना स्थल से नहीं हटा पाई है. अगर ऐसे धरने चलते रहे तो इससे व्यापार तो प्रभावित होगा ही साथ ही पंजाब में भी कोई नहीं आएगा.
कोर्ट ने सरकार को दिया आखिरी मौका
पंजाब सरकार, चंडीगढ़ प्रशासन और मोहाली प्रशासन को कोर्ट ने चेतावनी भरे शब्दों में आखिरी मौका देते हुए अगली सुनवाई तक धरना स्थल खाली करने का निर्देश दिया. वहीं प्रदर्शनकारियों की तरफ से कोर्ट वो बताया गया है कि राज्यपाल से उनकी मुलाकात हो चुकी है और जल्द ही विवाद के विषय पर आम सहमति बनने वाली है. 15 अगस्त को भी कौमी इंसाफ मोर्चा ने एक शांतिपूर्ण जुलूस निकाला था इसमें कोई भी अप्रिय घटना नहीं हुई. वहीं याचिकाकर्त्ता की तरफ से कहा गया कि कोर्ट की हर सुनवाई के दौरान मामले का हल निकालने का दावा किया जाता है लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकाला गया है.
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