IIT Report on Bhattakuffer Fruit Mandi: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मंडी (Mandi) स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) ने शिमला (Shimla) के बाहरी इलाके में भट्टाकुफर फल मंडी (Bhattakuffer Fruit Mandi) को व्यापार करने और लोगों के इकट्ठा होने के लिए असुरक्षित घोषित किया है. संस्थान ने कहा है कि जब तक कि वहां दो साल पहले हुए भूस्खलन (landslide) की क्षति पूर्ति न कर ली जाए, वहां पर लोग न व्यापार करें और न ही इकट्ठा हों.
शिमला और किन्नौर के APMC सचिव देवराज कश्यप (Devraj Kashyap) ने मीडिया से कहा, ''हमें आईआईटी मंडी (IIT Mandi) से मिली रिपोर्ट में कहा गया है कि चबूतरे पर संभावित खतरे को देखते हुए कोई व्यापारिक गतिविधि न की जाए.
कुछ दिन पहले, आईआईटी-मंडी की एक टीम ने क्षतिग्रस्त मार्केट यार्ड की बहाली के संबंध में साइट का दौरा किया था. रिपोर्ट में यह भी सलाह दी गई है कि यार्ड के उस हिस्से में भी व्यापारिक गतिविधि न की जाए जो भूस्खलन का शिकार नहीं हुआ था.
आड़तियों ने पिछले साल भूस्खलन से अप्रभावित रहे हिस्से में व्यापारिक गतिविधियां की थीं. रिपोर्ट में कहा गया, ''हालांकि देखने में बाकी का हिस्सा ठीक लगता है लेकिन यह अब भी भूस्खलन के मामले में संभावित खतरे वाले जोन में है.''
एपीएमसी सचिव ने कहा कि यह सबसे अच्छा होगा कि सभी लोग अप्रभावित हिस्से लेकर रिपोर्ट की सिफारिशों को मानें. उन्होंने कहा, ''हम आढ़तियों को लिखेंगे कि वे इस सीजन में व्यापार के लिए मुख्य बाजार यार्ड के नीचे वाले चबूतरे का इस्तेमाल करें. हम वहां पर आढ़तियों को ज्यादा जगह मुहैया कराने के लिए दीवारें बनवाने की योजना बना रहे हैं. इसके अलावा चबूतरे पर जन सुविधा और पीने का पानी उपलब्ध कराया जाएगा.
उन्होंने कहा कि मुख्य बाजार यार्ड के नीचे वाले चबूतरे पर आढ़तियों को दिक्कत होगी क्योंकि वहां जगह कम है. कश्यप ने कहा कि एपीएमसी आईआईटी को लिखेगी कि वह फिर से मौके का मुआयना कर विस्तार से जांच करे और इसके लिए उपचारात्मक उपाय सुझाए. कश्यप ने यह भी कहा कि इस बीच आईआईटी ने पहाड़ी के ऊपर जहां दरार है वहां पर प्लास्टिक सीट से उसे ढकने के लिए कहा है.
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