Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम पर हर किसी की निगाह है. यहां बहुमत होने के बाद भी कांग्रेस के प्रत्याशी नाटकीय तरीके से राज्यसभा का चुनाव हार गए क्योंकि अपने ही दल के विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी. अब इस मामले में पंजाब पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) का बयान आया है और उन्होंने कहा कि हिमाचल में जो हुआ है उसके बाद ऐसे लोगों को बाहर निकालने की जरूरत है जो निजि हित को प्राथमिकता देते हैं.
सिद्धू ने 'एक्स' पर लिखा, ''हिमाचल की विफलता देश की सबसे पुरानी पार्टी के लिए संपत्तियों और उत्तरदायित्व के आकलन की मांग करती है??? .. बड़े पदों पर बैठे छद्मवेषी गुप्त रूप से सीबीआई, ईडी और आईटी जैसी एजेंसियों की धुनों पर नाच रहे हैं जो कई बार हमारे लिए विनाशकारी दिन लेकर आए हैं. यह अभिषेक मनु सिंघवी साहब का नुकसान नहीं है बल्कि इसका बड़ा नुकसान है... पार्टी में मौजूद ऐसे लोगों को बाहर निकालना जरूरी है जो सामूहिक भलाई के ऊपर अपने व्यक्तिगत हित को प्राथमिकता देते हैं. उनके कृत्यों से पार्टी के अस्तित्व पर गहरी चोट लगी है. घाव ठीक हो सकते हैं लेकिन मानसिक आघात बरकरार रहेंगे. उनका लाभ ही कांग्रेस कार्यकर्ता का सबसे बड़ा दर्द है. वफादारी ही सब कुछ नहीं बल्कि एकमात्र चीज है.''
राज्यसभा चुनाव के बाद संकट में कांग्रेस
हिमाचल प्रदेश में मंगलवार को राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के छह विधायकों ने बीजेपी के प्रत्याशी के समर्थन में वोट दे दिया. इस क्रॉस वोटिंग से कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ और नतीजा यह हुआ कि अभिषेक मनु सिंघवी जिनके बारे में माना जा रहा था कि वह आसानी से चुनाव जीत जाएंगे, उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इस कदम से कांग्रेस तो हैरान है ही, राज्य की सीएम सुक्खू सरकार भी संकट में आ गई है. अगर इन विधायकों पर कार्रवाई की गई तो कांग्रेस के सदस्यों की संख्या घटकर 34 हो जाएगी.
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