Himachal Pradesh: आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हिमाचल प्रदेश में दो राजनीतिक रैलियों का आयोजन सफलतापूर्वक किया. कांगड़ा में चल रहे कटाई के मौसम के बावजूद AAP की रैली की सफलता ने सत्तारूढ़ बीजेपी और कांग्रेस में कई लोगों को चौंका कर रख दिया. साथ ही दिल्ली के आप नेताओं और पंजाब के पार्टी विधायकों को कांगड़ा और ऊना जिलों में प्रचार करने के लिए कहा गया है. 


दिल्ली मॉडल की आजमाइश शुरू 


द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक जमीनी स्तर पर काम करने वाली पार्टी AAP ने राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कांगड़ा जिले में पार्टी की रैली की सफलता हासिल की. साथ ही दिल्ली के आप नेताओं और पंजाब के पार्टी विधायकों को कांगड़ा और ऊना जिलों में प्रचार करने के लिए कहा गया है. आप विधायक पहले ही हिमाचल और पंजाब के आसपास के जिलों में संपत्ति किराए पर दे चुके हैं जहां वे विधानसभा चुनाव तक रहने वाले हैं. इन विधायकों ने ग्रामीण इलाकों में जाकर अरविंद केजरीवाल के दिल्ली मॉडल को आजमाना शुरू कर दिया है. आप विधायक जगदीप कंबोज गोल्डी को कांगड़ा से सटे निर्वाचन क्षेत्रों में प्रतिनियुक्त किया गया है, वहीं साहनेवाल से आप विधायक हरदीप सिंह को ऊना के पांच निर्वाचन क्षेत्र दिए गए हैं.


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आप फिलहाल किसी नेता को पार्टी टिकट देने को तैयार नहीं


इस अभियान का मैनेजमेंट दिल्ली की आप टीम द्वारा किया जा रहा है, जिसकी देखरेख सत्येंद्र जैन और दुर्गेश पाठक कर रहे हैं. वर्तमान में आप की कांगड़ा टीम में वे लोग शामिल हैं जो अन्ना हजारे आंदोलन का हिस्सा थे. कांगड़ा के एक वकील अमन गुलेरिया, जो लंबे समय से आप से जुड़े हुए हैं, कांगड़ा के कुछ पार्टी नेताओं में से हैं और इस रणनीति का हिस्सा हैं. पूर्व विधायकों सहित बीजेपी और कांग्रेस के अधिकांश वरिष्ठ नेता टिकट के आश्वासन की मांग कर रहे हैं. हालांकि आप  फिलहाल किसी नेता को पार्टी टिकट देने को तैयार नहीं है. जहां AAP कांगड़ा में पैर जमाने की कोशिश कर रही है, वहीं बीजेपी और कांग्रेस नेता इस बात का फैसला करने में जुटी है कि राज्य में AAP के पांव जमाने से किसे हार या फायदा होगा.


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