Haryana News: हिसार में खुला लंपी स्किन डिजीज की जांच के लिए लैब, इस दिन से शुरू होगी जांच
हरियाणा के हिसार में लंपी स्किन डिजीज की जांच के लिए लुवास में लैब तैयार हो गई है. इस लैब में जरूरी उपकरण व तकनीक भी आ गई है. वहीं लैब में दो दिनों में जांच शुरू करने की तैयारी है.
Lumpy Virus Infection: देश के कई राज्यों में लंपी वायरस (lumpy Skin Disease) पशुओं पर कहर बनकर टूट रहा है. ऐसे में हरियाणा के हिसार में लंपी स्किन डिजीज की जांच के लिए लुवास में लैब तैयार हो गई है. इस लैब में जरूरी उपकरण व तकनीक भी आ गई है. वहीं लैब में दो दिनों में जांच शुरू करने की तैयारी है. हरियाणा में यह पहली लैब है जहां पर एलएसडी की जांच हो सकेगी. अब तक इस जांच की सुविधा कृषि अनुसंधान परिषद के भोपाल स्थित लैब में है.
देश में लगभग तीन साल से लंपी बीमारी गोवंशों में फैली है. वहीं इस साल जुलाई में इसका प्रभाव हरियाणा में भी दिखने लगा. यह संक्रामक बीमारी पूरे प्रदेश में है. समय से इलाज नहीं मिलने पर संक्रमित पशु की इस बीमारी से मौत भी हो जाती है. बीमारी फैलने के साथ ही इसके जांच को लेकर बड़ा संकट खड़ा हो गया था. क्योंकि हरियाणा व आसपास के प्रांतों में इसकी जांच के लिए कोई सुविधा नहीं है.
होगी इतनी जांचें
कृषि अनुसंधान परिषद की भोपाल लैब में हर जिले से केवल रैंडम आधार पर 10 सैंपल ही जांच के लिए भेजा जाता है. जांच में आ रही दिक्कतों को देखते हुए पिछले महीने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय को भी लंपी जांच की अनुमति दे दी थी. विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ. नरेश जिंदल ने बताया कि जांच के लिए भोपाल से तकनीकि सहयोग मिल गया है. सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. दो दिन में यहां जांच शुरू हो जाएगी. लुवास की लैब में हर दिन कम से कम 50 और ज्यादा से ज्यादा 100 सैंपल की जांच होगी. इसकी रिपोर्ट भी 48 घंटे में मिल जाएगी. जांच रिपोर्ट को भोपाल की लैब से भी साझा किया जाएगा. इस लैब में हरियाणा समेत देश के किसी भी राज्य से सैंपल जांच के लिए भेजा जा सकेगा. पशुपालक स्वयं अथवा अपने क्षेत्र के पशु चिकित्सालय के माध्यम से भी सैंपल जांच के लिए भेज सकेंगे. यहां जांच भी पूरी तरह से निशुल्क होगी.
इन राज्यों में लंपी वायरस
लंपी से उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और अंडमान निकोबार जैसे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं.देश में 11 लाख से अधिक पशु इससे संक्रमित हुए हैं. इसका संक्रमण देश के 12 राज्यों के 165 जिलों में फैला हुआ है. इससे अबतक 50 हजार से अधिक पशुओं की मौत हो चुकी है.जिस तेजी से यह फैल रहा है, उसे देखते हुए इसे महामारी घोषित करने की मांग की जा रही है.देश में इस वायरस ने इस साल अप्रैल से पांव पसारना शुरू किया था. इससे पहले यह 2019 में ओडिशा और पश्चिम बंगाल में पहली बार इसका संक्रमण सामने आया था.
स्वदेशी टीके से हो रहा है बचाव
लंपी वायरस केवल गाय और भैंस को ही संक्रमित करता है. इस संक्रमण को ठीक किया जा सकता है.इससे लड़ने के लिए केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पिछले महीने एक स्वदेशी वैक्सीन लंपी प्रोवैक की शुरुआत की थी. इसे हरियाणा के हिसार में स्थित राष्ट्रीय घोड़ा अनुसंधान केंद्र और उत्तर प्रदेश के बरेली में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के सहयोग से बनाया गया है.
ये भी पढ़ें-