Punjab: पंजाब रोडवेज की बसों में अब सवारियों के लिए सफर करना मुश्किल होने वाला है. क्योंकि, बसों में सिर्फ उतनी ही सवारियां बैठाई जाएंगी, जितनी बस में सीटें हैं. ऐसे में बाकी की सवारियों को दूसरी बस का ही इंतजार करना पड़ेगा और जब तक उन्हें सीट नहीं मिलेगी यात्रा नहीं कर सकेंगे. दरअसल, केंद्र सरकार के हिट एंड रन कानून के विरोध में पंजाब रोडवेज और पी.आर.टी.सी. कर्मचारियों की तरफ से अब विरोध करने का ये फैसला अपनाया जाएगा. मंगलवार से ही पंजाब रोडवेज की बसों में कर्मचारियों की तरफ से ये नियम बना दिया गया है यानि अब 52 सीटों वाली बस में सिर्फ 52 यात्रियों को ही सफर करवाया जाएगा.


कर्मचारी यूनियन की तरफ से हिट एंड रन कानून को काला कानून बताते हुए कहा गया है कि वो अब इस कानून के चलते कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते. लुधियाना में रोडवेज डिपो कर्मचारियों ने कहा कि सरकार उनके बारे में सोच नहीं रही है. इसकी वजह से कर्मचारियों में आक्रोश है. उनकी तरफ से 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पंजाब के मुख्यमंत्री का घेराव कर विरोध प्रदर्शन करने का भी फैसला किया गया है. वहीं 23 जनवरी को लुधियाना में ट्रक यूनियन और पनबस, पी.आर.टी.सी. के कर्मचारियों को भी संगठित करने का फैसला किया गया है.


पंजाब सरकार को उठाना पड़ सकता है नुकसान


रोडवेज यूनियन के कर्मचारियों के अनुसार अगर बसों में जितनी सीटें हैं, उतनी ही सवारियां बठाई जाएंगी तो इससे पंजाब सरकार को और नुकसान उठाना पड़ सकता है. महिलाओं की मुफ्त यात्रा को लेकर सरकार का पहले ही भारी नुकसान हो रहा है. सरकार की तरफ से मुफ्त बस योजना के चलते पी.आर.टी.सी. व पंजाब रोडवेज को भी रुपयों का भुगतान करना पड़ता है. सरकार करीब 350 करोड़ रुपए सालाना भुगतान अभी भी कर रही है. वर्तमान में अभी ट्रांसपोर्ट कंपनियों का सरकार पर करोड़ों रुपए बकाया है.  


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