Punjab Latest News: पंजाब के होशियारपुर जिले से एक मृत व्यक्ति के नाम पर ऋण स्वीकृत करने का मामला सामने आया है. इसको लेकर पंजाब विजिलेंस की टीम ने सोमवार को एक सहकारी बैंक के दो वर्तमान और तीन पूर्व कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है. इन आरोपियों की पहचान सहायक रजिस्ट्रार युद्धवीर सिंह, क्लर्क-कम-कैशियर रविंदर सिंह, सेवानिवृत्त कैशियर मंजीत सिंह और सेवानिवृत्त प्रबंधक अवतार सिंह और परमजीत सिंह के रूप में हुई है.


वीबी प्रवक्ता ने खुलासा किया कि धुगा कलां में सहकारी बैंक के सचिव अजायब सिंह और दो अन्य लोगों के खिलाफ एक शिकायत की जांच के बाद गिरफ्तारियां की गई थीं, जिन्हें पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था. 2018 में सहकारी बैंक के मृत सदस्य गुलजार सिंह के नाम पर 1.92 लाख रुपये का ऋण हासिल करने के लिए अजायब सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया था. गुलजार सिंह के भतीजे की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के बाद वीबी जांच हुई. इसमें पाया गया कि अजायब सिंह ने सोसाइटी का ऋण चुका दिया था और बाद में 1.90 लाख रुपये का एक और ऋण प्राप्त किया था.


प्रवक्ता ने कहा कि जांच के बाद पता चला कि जिन पांच लोगों को अब गिरफ्तार किया गया है, उन्होंने गुलजार सिंह के नाम पर ऋण स्वीकृत करने के लिए अजायब सिंह और दो अन्य लोगों के साथ साजिश रची थी.


गिरफ्तारी से बचने के लिए बैंक में जमा कराए रुपये
वहीं जांच के दौरान यह भी पता चला है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए सहकारी बैंक के सचिव अजायब सिंह ने बैंक का सारा कर्ज ब्याज सहित 26 लाख 26 हजार 315 रुपये जमा करवा दिए थे. लेकिन, पंजाब विजिलेंस ब्यूरों ने मिलीभगत कर बैंक से कर्ज स्वीकृति कराने वाले पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.  


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