Punjab News: आप संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रणनीति के आगे जालंधर लोकसभा उपचुनाव में सभी पार्टियों ने घुटने टेक दिए. कांग्रेस हो या बीजेपी या फिर अकाली-बसपा गठबंधन केजरीवाल की रणनीति के आगे बोने साबित हुए. जालंधर उपचुनाव में केजरीवाल ने बड़ा उलटफेर किया, जिसके बलबूते पर आम आदमी पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की. आप की जीत कई मायनों में बहुत अहम है एक तो लोकसभा के लिए उसका रास्ता खुल गया है. दूसरा 24 साल से एक सीट पर डटी कांग्रेस को उसने उखाड़ फेंका है.
केजरीवाल ने कैसे किए उलटफेर?
1. कांग्रेस के 24 साल पुराने किले को भेद पाना आसान नहीं था. किसी पुराने नेता के बलबूते यह संभव भी नहीं था. आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस से निष्कासित सुशील कुमार रिंकू को अपने पाले में खींचा, जो जालंधर लोकसभा से भली-भांति वाकिफ थे.
2. केजरीवाल का दूसरा बड़ा उलटफेर था. अपने किसी नेता को टिकट ना देकर आप ने कांग्रेस छोड़कर पार्टी में शामिल हुए सुशील कुमार रिंकू पर भरोसा जताया और उन्हें जालंधर लोकसभा सीट से टिकट दे दी गई. यह आप का मास्टरस्ट्रोक था.
3. आम आदमी पार्टी ने इस बार दिल्ली का लेबल हटाकर अपने बलबूते पर चुनाव लड़ा. आप के कई कैबिनेट मंत्रियों की डूयूटी भी इस चुनाव प्रचार में लगाई गई. मानों की एक लोकसभा सीट का चुनाव ना होकर पूरे पंजाब में चुनाव लड़ा जा रहा हो.
4. केजरीवाल ने आखिरी समय में चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी. रोड शो के जरिए जनता को केजरीवाल की तरफ से बार-बार कहा गया कि आप के काम हमने करने है सासंद आप का ही बनाएं.
5. केजरीवाल के इस दांव नहीं भी काफी काम किया. उन्होंने लोगों से वोट की अपील करते हुए कहा कि कांग्रेस इतनी अंहकारी है कि कोई बड़ा नेता प्रचार करने तक नहीं आया.