Punjab News: बीती 19 जून को पंजाब विधानसभा सत्र में भगवंत मान सरकार (Punjab Government) ने कई ऐसे विधेयक पारित किए हैं जिनकी हर तरफ चर्चा हो रही है. एक तरफ जहां स्वर्ण मंदिर से गुरबाणी का प्रसारण मुफ्त सिख गुरुद्वारा एक्ट में संशोधन किया गया है. वहीं दूसरी तरफ एक और विधेयक पारित किया है जिसके अनुसार पंजाब सरकार अपने राज्य में खुद डीजीपी की नियुक्ति कर सकती है. तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बाद पंजाब ऐसा तीसरा राज्य बना है, जिसमें UPSC को बाईपास कर डीजीपी चुनने के लिए विधेयक पारित किया है.
UPSC को भेजने होते थे तीन नाम
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से तय नियम के अनुसार, सभी राज्य सरकारों को डीजीपी के चयन के लिए तीन नाम UPSC के पास भेजने होते हैं. उन तीन नामों में से UPSC तय करती है कि किसे डीजीपी बनाया जाना है. लेकिन अब पंजाब सरकार ने जो विधेयक पारित किया है, उसके अनुसार UPSC के पास नाम नहीं भेजने होंगे. सरकार खुद डीजीपी के पद पर किसी अफसर की नियुक्ति कर सकेगी.
समिति तय करेगी कौन बनेगा DGP
पंजाब सरकार के नए विधेयक के अनुसार उनके द्वारा तीन अफसरों के नाम तय करने को एक समिति बनाई जाएगी. ये समिति तीन नाम तय करेगी फिर उसमें से किसी एक अधिकारी को सरकार डीजीपी बनाएगी. वहीं इन तीन अफसरों की सूची तैयार करने के लिए एक 7 सदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा जो इन अफसरों की राज्य सरकार सेवा की अवधि, सेवा रिकॉर्ड और अनुभव सहित विभिन्न मानदंडों के आधार पर तीन अफसरों की एक सूची तैयार करेगी.
राज्यपाल से मंजूरी के बाद अधिकार
वहीं इस समिति का नेतृत्व पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश या सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे. इसके अलावा इस समिति में पंजाब के मुख्य सचिव, राज्य लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष, यूपीएससी के एक नामित सदस्य, गृह मंत्रालय के एक नामित सदस्य और पूर्व डीजीपी भी शामिल होंगे. आपको बता दें कि इस विधेयक को अभी मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाएगा. मंजूरी मिलने के बाद ही पंजाब सरकार के पास डीजीपी चुनने का अधिकार होगा.
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