Punjab: पंजाब में कैसे पूरा होगा विश्व स्तरीय शिक्षा का लक्ष्य, 11 हजार बच्चों के सर्वेक्षण के दौरान सामने आई ये सच्चाई
Punjab News: पंजाब में एक ओर जहां सरकार बच्चों को विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने की कवायद कर रही है. वहीं दूसरी तरफ 11 हजार बच्चों का मूल्यांकन करने पर बड़ी सच्चाई निकलकर सामने आई है.
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Punjab News: पंजाब सरकार का स्कूलों में विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने का लक्ष्य अब दूर के सपने जैसा लगने लग गया है. क्योंकि पंजाब में किए गए एक बेसलाइन सर्वेक्षण के दौरान पंजाबी, अंग्रेजी और गणित के छात्रों के सीखने के स्तर पर सवालियां निशान खड़े हुए हैं. इस सर्वेक्षण के दौरान पता चला कि केवल 39 फीसदी बच्चे ही पंजाबी भाषा में कहानी पढ़ पाते हैं. इसके साथ 4 प्रतिशत बच्चे तो ऐसे हैं जो अक्षर को पहचान भी नहीं पाते हैं. वहीं 15 प्रतिशत बच्चे सिर्फ अक्षर ही पहचान पाते हैं, इसके अलावा कुछ नहीं और 22 प्रतिशत बच्चे सिर्फ शब्दों को पहचान सकते हैं. इस सर्वेक्षण के दौरान करीब 11 हजार बच्चों का मूल्यांकन किया गया था.
‘2 प्रतिशत बच्चे गणित की संख्या भी नहीं पहचानते’
दैनिक ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस मूल्यांकन के दौरान जब गणित के बारे में बच्चों की जानकारी का स्तर देखा गया तो सामने आया कि 2 प्रतिशत बच्चे गणित की संख्या भी नहीं पहचान पाते. इसके अलावा 8 प्रतिशत बच्चे केवल 9 तक की संख्याएं पहचान सकते हैं. वहीं 16 प्रतिशत बच्चों को 11 से 99 के बीच की संख्याओं को पहचानने के अलावा गणित का ज्ञान भी नहीं है. गणित में सिर्फ 37 प्रतिशत बच्चे ही भाग और घटाव करना जानते हैं. अंग्रेजी भाषा के बारे में छात्रों की जानकारी देखी गई तो सिर्फ 20 प्रतिशत छात्र ही कहानी पढ़ सकते हैं. जबकि 3 प्रतिशत छात्र अक्षर को भी नहीं पहचान पाते हैं. वहीं 6 प्रतिशत बच्चे बड़े शब्दों और 23 प्रतिशत छोटे शब्दों को ही पहचान पाते हैं.
‘39 प्रतिशत बच्चे ही पंजाबी भाषा में कहानी पढ़ सकते है’
कक्षा III से V के मूल्यांकन के दौरान यह भी पता चला है कि केवल 39 प्रतिशत बच्चे ही पंजाबी भाषा में कहानी पढ़ सकते हैं. जबकि 4 प्रतिशत बच्चे तो अक्षर भी नहीं पहचान पाते. वहीं 15 प्रतिशत बच्चे अक्षरों के अलावा कुछ नहीं पहचान पाते. 22 प्रतिशत बच्चे सिर्फ शब्दों को पहचान सकते हैं वहीं 20 प्रतिशत बच्चे पैराग्राफ पढ़ सकते हैं.
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