Haryana News:  पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को एक अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि जघन्य अपराध की स्थिति में समझौता होने के बाद भी एफआईआर रद्द नहीं की जा सकती है. कोर्ट की तरफ से यह भी कहा गया कि जघन्य अपराध की स्थिति समझौता करने वाले की बीच चाहे जीजा साले का रिश्ता हो लेकिन एफआईआर फिर भी रद्द नहीं की जा सकती है. आपको बता दें कि कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें शिकायतकर्ता से समझौते के आधार पर एफआईआर रद्द करने की मांग की गई थी. 


आपस में समझौता होने पर FIR रद्द करने की मांग 
दरअसल, जिस मामले को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गई थी उसमें आरोपी पर हत्या के प्रयास का आरोप दर्ज है. इसके अलावा याची पर 6 अन्य मामले भी दर्ज है. हरियाणा के सोनीपत निवासी प्रदीप कुमार की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. जिसमें शिकायतकर्ता से समझौता हो जाने पर याची के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई थी. शिकायतकर्ता की तरफ से सोनीपत पुलिस को बताया गया था कि उसकी बहन का विवाह प्रदीप कुमार से हुआ था. जिसके बाद उसका जीजा असामाजिक तत्वों के संपर्क में आ गया. वो एक आपराधिक मामले में दो साल की सजा भी काटकर आया. लेकिन जेल से वापस आने के बाद वो शराब ठेकेदारों के संपर्क में आ गया. जिसके बाद शिकाय़तकर्त्ता उसके पास नौकरी करने लगा. लेकिन वो अक्सर उसे पीटता था जिसके कारण वो नौकरी छोड़कर आ गया. 


फायरिंग के दौरान शिकायतकर्ता ने छुपकर बचाई जान
शिकाय़तकर्त्ता जब नौकरी छोड़कर अपने घर समालखा आ गया तो याचिकर्ता जीजा उसके घर पहुंचा और उसे वापस आने की धमकी दी. इस दौरान उसने उसपर गोलियां भी चलाई लेकिन किसी तरह शिकायतकर्त्ता ने दीवार के पीछे छुपकर अपनी जान बचाई. जिसके आधार पर पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर ली. अब याची और शिकायतकर्ता के बीच समझौता हो गया. दोनों रिश्तेदार अब कुछ ही दुरी पर शांति से रह रहे है. ऐसे में एफआईआर रद्द करने की मांग की गई थी. जिसको लेकर हरियाणा सरकार की तरफ से याचिका का विरोध किया गया कि याची आदतन अपराधी है तो उसकी एफआईआर रद्द नहीं की जानी चाहिए. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला लेते हुए कहा कि जघन्य अपराध की श्रेणी में एफआईआर रद्द करने का आदेश नहीं दिया जा सकता.


यह भी पढ़ें: Punjab: पूर्व डिप्टी CM सोनी को रिमांड का फैसला सुनाते ही बिगड़ी तबियत, अदालत से पहुंचे अस्पताल