President Droupadi Murmu Haryana Visit: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ( Draupadi Murmu) ने बुधवार को हरियाणा (Haryana) की आशा कार्यकर्ताओं और महिला खिलाड़ियों के साथ मुलाकात की और विभिन्न क्षेत्रों के उनके अनुभवों को सुना. राष्ट्रपति ने बेटियों को सशक्त बनाने पर बल दिया. वह हरियाणा के दो दिवसीय दौरे पर हैं. उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपने जीवन में कई चुनौतियों और बाधाओं का सामना करना पड़ता है तथा उन्हें अधिक से अधिक मजबूत बनाया जाना चाहिए.
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, 'उन्हें अकेला नहीं छोड़ा जाना चाहिए ...' उन्होंने कहा कि बेटियों को समाज व देश के लिए सशक्त होना चाहिए. इस संवाद कार्यक्रम के दौरान हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी मौजूद थे.
अवैध लिंग जांच, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पर साझा किये गए विचार
'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान से भी जुड़ी अंबाला की एक आशा कार्यकर्ता (मान्यताप्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) ने अवैध लिंग निर्धारण परीक्षणों के खिलाफ अभियान के बारे में अपने अनुभव साझा किए. आशा कार्यकर्ता ने कहा कि उन्होंने अवैध लिंग निर्धारण परीक्षणों के खिलाफ राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई 19 छापेमारी में भाग लिया. उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार उन्होंने अपनी एक पड़ोसी को लिंग निर्धारण परीक्षण से गुजरने के बाद गर्भपात कराने से रोका. आशा कार्यकर्ता ने कहा कि वह बच्ची अब सात साल की है और परिवार उसकी अच्छी तरह से देखभाल कर रहा है.
जब राष्ट्रपति मुर्मू ने आशा कार्यकर्ता से सवाल किया कि क्या उन्हें रात में काम के लिए बाहर जाने पर अपने परिवार से सहयोग मिलता है, तो कार्यकर्ता ने कहा कि उन्हें अपने परिवार से पूरा सहयोग मिलता है क्योंकि वे सब जानते हैं कि वह लड़कियों की जान बचाने का काम कर रही हैं.
झज्जर जिले में कार्यरत सहायक नर्स (एएनएम) ने कहा कि उसने लिंग निर्धारण परीक्षणों के खिलाफ अभियान में काम किया और 10 लोगों एवं एक नर्स की गिरफ्तारी में सहायता की थी. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता करमजीत कौर ने कहा कि 2015 में 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान शुरू होने के बाद कई जागरूकता अभियान आयोजित किए गए. उन्होंने कहा कि यमुनानगर जिले में लिंग अनुपात प्रति 1,000 पुरुषों पर 818 महिला से बढ़कर 938 हो गया है.
हरियाणा की महिला खिलाड़ियों से भी की बातचीत
राष्ट्रपति ने विभिन्न खेलों में राज्य और देश का नाम रोशन करने वाली महिला खिलाड़ियों से भी बातचीत की. एक महिला पर्वतारोही, जो अब हरियाणा में पुलिस निरीक्षक के रूप में कार्यरत है, ने अपने अनुभव साझा किए और कहा कि उसने ट्रैक्टर चलाया और खेती भी की. 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों में महिला फ्रीस्टाइल 76 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक विजेता पूजा सिहाग ने कहा कि यह उनके पिता का सपना था कि वह खिलाड़ी बने.
सिहाग ने कहा कि उनके पिता की मृत्यु के बाद, उनकी मां ने हमेशा उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. इस पर, राष्ट्रपति ने कहा कि एक मां में कितनी ताकत होती है, इसे हमेशा बताया जाना चाहिए. कार्यक्रम के अंत में, राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें यह देखकर खुशी हुई कि महिलाओं में कितनी ऊर्जा है और उन्होंने इस बात पर जोर दिया, 'यह ऊर्जा किसी परिवार के भीतर तक सीमित नहीं रहनी चाहिए.' खट्टर ने कहा कि बेटियों को लेकर अब धारणा बदल गई है और अब लोग लड़कियों के जन्म पर जश्न मनाते हैं.
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