Paramjit Singh Panjwar: नाम बदलकर 33 साल से पाकिस्तान में रह रहा था हिंदुस्तान का मोस्ट वांटेड, ड्रोन के जरिए करता था हथियार-ड्रग्स की सप्लाई
आतंकी परमजीत सिंह पंजवड़ की पाकिस्तान के लाहौर में शनिवार को हत्या कर दी गई. भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने साल 2020 में जिन 9 आतंकियों की लिस्ट जारी की थी उसमें परमजीत सिंह पंजवड़ का नाम भी शामिल था.
Paramjit Singh Panjwar Killed: खालिस्तान कमांडो फोर्स के मुखिया परमजीत सिंह पंजवड़ की शनिवार को पाकिस्तान के लाहौर में हत्या कर दी गई. पंजवड़ 1990 से पाकिस्तान में शरण लिए हुए था, वो मलिक सरदार सिंह के नाम से लाहौर में रह रहा था. परमजीत सिंह पंजवड़ 30 जून 1999 को चंडीगढ़ के पासपोर्ट कार्यालय के पास हुए बम ब्लास्ट का भी आरोपी था. भारत सरकार द्वारा के गृह मंत्रालय ने साल 2020 में जिन 9 आतंकियों की लिस्ट जारी की थी. उसमें परमजीत सिंह पंजवड़ का नाम भी शामिल था.
ड्रोन के जरिए करवा रहा था हथियार-ड्रग्स की सप्लाई
परमजीत सिंह पंजवड़ 33 साल से पाकिस्तान में रह रहा था. वो पंजाब के तरनतारन जिले के झब्बाल थाना क्षेत्र के पंजवड़ गांव का रहने वाला था. वो लाहौर में बैठकर ISI के मदद से पाकिस्तान से ड्रग और हथियारों की तस्करी ड्रोन के जरिए पंजाब में करवाता था. इससे मिलने वाले रुपयों से उसने अपने संगठन खालिस्तान कमांडो फोर्स को एक्टिव रखा था. ISI के मदद से परमजीत सिंह पंजवड़ पंजाब में खालिस्तान मूवमेंट और आतंकवाद को बढ़ावा देने में लगा हुआ था. भारतीय सुरक्षा बलों ने 1990 में लाभ सिंह को मौत के घाट उतार दिया था, जिसके बाद परमजीत सिंह पंजवड़ ने केसीएफ की कमान संभाली थी. पाकिस्तान में होने के बावजूद भी पाकिस्तानी सरकार हमेशा पंजवड़ के पाकिस्तान में होने से इनकार करती रही. पंजाब पुलिस के पास 33 साल से पाकिस्तान में बैठे परमजीत सिंह की कोई लेटेस्ट फोटो तक नहीं है. पुलिस के पास उसकी जो फोटो है वो 35 साल पुरानी हैं जो उसके घर से बरामद की गई थी.
चंडीगढ़ पासपोर्ट ऑफिस के पास कराया ब्लास्ट
भारतीय एजेंसियों के अनुसार, 30 जून 1999 को परमजीत सिंह पंजवड़ ने चंडीगढ़ पासपोर्ट ऑफिस के पास बम ब्लास्ट करवाया था. जिसमें कुछ लोग घायल भी हुए थे. इसके अलावा 2020 में पंजाब के तरनतारन में शौर्यचक्र विजेता बलविंदर सिंह संधू की हत्या के पीछे भी परमजीत सिंह पंजवड़ का ही नाम आया था.
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