(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सीएम भगवंत मान ने खोला खजाना, ब्रॉन्ज जीतने वाले पंजाब के हॉकी खिलाड़ियों को देंगे 1-1 करोड़ रुपये
Indian Hockey Team wins Bronze: पंजाब के सीएम भगवंत मान ने भारतीय टीम की जीत के तुरंत बाद ही सोशल मीडिया पोस्ट में इसकी घोषणा की. उन्होंने 'चक दे इंडिया' कहा.
Paris Olympic 2024: भारतीय टीम ने हॉकी में ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया है. देश खुशी से गदगद है. इस बीच पंजाब के सीएम भगवंत मान ने ऐलान किया कि ब्रॉन्ज जीतने वाले पंजाब के हॉकी खिलाड़ियों को एक-एक करोड़ रुपये देंगे. उन्होंने कहा कि हमारी खेल पॉलिसी के हिसाब से ये रकम उन्हें दी जाएगी. सीएम के मुताबिक टीम में कप्तान, उपकप्तान सहित 10 खिलाड़ी पंजाब के थे.
सीएम भगवंत मान ने एक्स पर लिखा, "हमारी खेल नीति के मुताबिक हम पंजाब के हर ब्रॉन्ज मेडल विजेता खिलाड़ी को 1 करोड़ रुपये देंगे..चक दे इंडिया..ईनाम." उन्होंने एक दूसरे पोस्ट में लिखा, ''भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया.
As per our sports policy we will give 1 crore for each bronze medal players of Punjab..चक दे इंडिया..ईनाम
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) August 8, 2024
उन्होंने लिखा, ''पेरिस में भारत ने चौथा ओलंपिक पदक जीता. पूरी हॉकी टीम को बधाई. हमारे लिए यह और भी गर्व की बात है कि कप्तान हरमनप्रीत सिंह और उपकप्तान हार्दिक सिंह सहित 10 पंजाबी खिलाड़ी थे. टीम का हर खिलाड़ी शानदार खेला.''
जालंधर में हॉकी खिलाड़ी सुखजीत सिंह के यहां जश्न शुरू हो गया है. उनके परिवार ने जीत के बाद उनसे बात की. उनके घर पर मिठाइयां बंटनी शुरू हो गई हैं. ढोल-नगाड़े बज रहे हैं.
वहीं, कप्तान हरमनप्रीत सिंह के पिता सरबजीत सिंह ने कहा, "ये ऊपर वाले की मेहरबानी है. मुझे बहुत डर लग रहा था." उनकी मां रविंदर कौर ने कहा, "जैसे ही उनका मैच शुरू हुआ, मैंने वाहे गुरूजी से प्रार्थना की. मैं पूरी टीम को बधाई देती हूं. ये बहुत ही खुशी का पल है. मां की दुआएं लगती हैं."
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने स्पेन पर 2-1 से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए 52 साल में पहली बार ओलंपिक खेलों में लगातार दूसरा कांस्य पदक जीता, जिससे अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश को मौका मिला. भारतीयों के लिए आखिरी कुछ मिनट तनावपूर्ण थे क्योंकि आखिरी मिनट में उन्हें दो छोटे कॉर्नर का सामना करना पड़ा लेकिन डिफेंस मजबूत था और दबाव में था.
भारत, जिसने 41 साल के अंतराल के बाद टोक्यो खेलों में कांस्य पदक जीता, खेलों के लिए सही तैयारी नहीं होने के बावजूद उम्मीदों पर खरा उतरा. पिछली बार भारत ने लगातार 1968 (कांस्य) और 1972 संस्करणों (कांस्य) में ओलंपिक पदक जीते थे.
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