Punjab News: 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) और उसके साथियों पर पुलिस की कार्रवाई जारी है. अमृतपाल और उसके समर्थकों की मुश्किलें अभी और बढ़ने वाली हैं. अजनाला हिंसा (Ajnala Incident) के मामले में पुलिस ने अमृतपाल के 27 साथियों के खिलाफ अजनाला कोर्ट में चालान पेश किया है. जो चालान पेश किया गया है वो मुख्य आरोपी अमृतपाल सिंह के खिलाफ नहीं है. अमृतपाल के खिलाफ कुछ समय बाद सप्लीमेंट्री चालान पेश किया जाएगा. आपको बता दें कि अमृतपाल सिंह और उसके करीब 9 साथी असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं.
23 फरवरी को किया था अजनाला थाने पर हमला
खालिस्तानी समर्थन अमृतपाल सिंह अपने साथी लवप्रीत सिंह तूफान की रिहाई के लिए अपने समर्थकों के साथ अजनाला थाने पहुंचा था. अमृतपाल ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब की आड़ में हजारों समर्थकों के साथ गांव जल्लूखेड़ा से जत्था निकाला फिर अजनाला थाने पर हमला कर दिया. इस हमले में 6 पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे. वहीं 24 फरवरी 2023 स्थानीय अदालत ने लवप्रीत सिंह को रिहा करने का आदेश दे दिया. पुलिस ने उस समय माहौल को देखते हुए अमृतपाल पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी.
18 मार्च को गिरफ्तार करने पहुंची थी पुलिस
अजनाला पुलिस थाने पर हमले के मामले में 18 मार्च को पंजाब पुलिस अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए पहुंची. लेकिन अमृतपाल पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया. जिसके बाद कई जिलों में इंटरनेट बंद किया गया और राज्यभर में अमृतपाल को पकड़ने के लिए अभियान चलाया. अमृतपाल सिंह लगातार पुलिस को चकमा देकर भागता रहा. पुलिस को अमृतपाल के नेपाल या पाकिस्तान भाग जाने का शक था. उसकी तलाश में पंजाब से लेकर हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और उत्तरप्रदेश में भी छापेमारी की गई. लेकिन 35 दिन तक अमृतपाल पुलिस के सिरदर्द बना रहा. आखिकार 36 दिन बाद मोगा जिले के रोडेवाला गांव के गुरुद्वारे से अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार किया गया. अमृतपाल के कई साथियों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है. सभी असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं.
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