Haryana News: हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे किसी भी तकनीकी दौड़ में निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों से पीछे ना रहे इसके लिए सरकार ने 9वीं से 12वीं तक की कक्षा के लगभग आठ लाख बच्चों को टैबलेट दिए थे. लेकिन अब ये टैबलेट बच्चों से वापस लेने की मांग की जा रही है, और वो मांग करने वाले कोई और नहीं बल्कि उन बच्चों के परिजन ही है. जींद जिले से कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है.
जहां परिजनों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल, गृहमंत्री अनिल विज और शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखकर ये टैबलेट वापस लेने की गुहार लगाई है. इसके पीछे की वजह बेहद चौंका देने वाली है.
क्यों परिजन सरकार से लगा रहे गुहार?
दरअसल, ताजा मामला जींद जिले के गांव ढिगाना का है. जहां पंचायत की तरफ से मुख्यमंत्री मनोहर लाल, गृहमंत्री अनिल विज और शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखा गया है. जिसमें कहा गया है. ‘सरकार...हमारे बच्चों से टैब वापस ले लो, बच्चे रोजाना नए-नए एप डाउनलोड करते है और सारा दिन गेम खेलते है. यहीं नहीं इन टैब पर वो अश्लील चीजें भी देखते है. वो सारा दिन टैब पर लगे रहते है और पढ़ने की बजाय बिगड़ रहे है. बच्चे टैब का सद्पयोग करने की बजाय दुरुपयोग कर रहे है.
अभिभावकों को सताने लगी चिंता
ढिगाना गांव के सरपंच विनोद कुमार का इस मामले को लेकर कहना है कि उनके पास लगातार बच्चों के अभिभावकों की शिकायतें आ रही है. अभिभावकों को चिंता सताने लगी है कि टैब से उनके बच्चों पर गलत असर पड़ रहा है. पढ़ाई से बिल्कुल उनका ध्यान हट गया है. जिसकी वजह से वो चाहते है कि सरकार अब इन टैब को वापस ले लें. सरपंच विनोद कुमार का कहना है कि उन्होंने खुद बच्चों को टैब पर आपत्तिजनक साइट देखते हुए पाया. वहीं कई बच्चे सारा दिन गेम में लगे रहते है.
एमडीएम नहीं हो पाया अभी लागू
हरियाणा सरकार की तरफ से बच्चों को जब ये टैबलेट दिए गए थे इन टैबलेट में मोबाइल डिवाइस मैनेजमेंट प्रणाली (एमडीएम) लागू करने की बात कही थी लेकिन अभी तक ये लागू नहीं की गई. अगर एमडीएम इन टैबलेट में लागू हो जाता है तो टैबलेट में अनेक प्रकार की ऐसी साइट्स प्रतिबंधित हो जाएगी जिसपर बच्चे आपत्तिजनक सामग्री देखते है.