Jind RTI News: हरियाणा के जींद में सूचना के अधिकार (RTI) के तहत मांगी गई एक जानकारी चर्चा का विषय बनी हुई. यहां पर आरटीआई में दी गई एक जानकारी में बजट राशि में एक दशमलव न लगने से करोड़ का बजट अरबों में आ गया है जिसे लेकर बवाल मचा हुआ है. इसके बाद आवेदन करने वाले ने राज्य सूचना आयुक्त से शिकायत कर उचित कार्रवाई की मांग की है. बता दें कि जींद नगर परिषद से आरटीआई के तहत जानकारी मांगी गई थी लेकिन नगर परिषद ने कथित लापरवाही के चलते दशमलव नहीं लगाया और करोड़ की बात अरबों में चली गई. 


दरअसल आरटीआई कार्यकर्ता अशोक मित्तल द्वारा अमृत योजना के तहत सीवर लाइन डालने के लिए आवंटित राशि के बारे में जानकारी मांगी गई थी. नगर परिषद की ओर से दी गई जानकारी में दशमलव न लगाने से बजट की राशि छह करोड़ 77 लाख 268 रुपये 29 पैसे से बढ़कर 677 करोड़ 26 हजार 829 रुपये बता दी गई. मित्तल ने इस मामले में राज्य सूचना आयुक्त से शिकायत कर उचित कार्रवाई करने की मांग की है.


मित्तल के मुताबिक उन्होंने साल 2020 में नगर परिषद से आरटीआई के तहत सूचना मांगी थी. जिसके जवाब में बताया गया था कि अमृत योजना के तहत सीवर लाइन डालने के लिए स्वीकृत राशि छह अरब 77 करोड़ 26 हजार 829 रुपये है और अलग-अलग तिथियों पर ठेकेदार को छह करोड़ 60 लाख 84 हजार 727 रुपये का भुगतान किया जा चुका है. मित्तल के अनुसार, इसके बाद दोबारा सूचना मांगने पर 30 मई 2022 को नगर परिषद ने जानकारी दी कि अमृत योजना के तहत नगर परिषद जींद में सीवर लाइन के लिए 677 करोड़ 26 हजार 829 रुपये की राशि सरकार से कभी भी प्राप्त नहीं हुई.


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नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी सुशील कुमार ने बताया कि आरटीआई के तहत जो जानकारी दी गई थी, उसमें लिपिकीय गलती के कारण ज्यादा राशि दर्शा दी गई. कुमार के मुताबिक, सीवर लाइन के लिए अमृत योजना के तहत सरकार से 677 करोड़ रुपये नहीं, छह करोड़ 77 लाख 268 रुपये प्राप्त हुए हैं. राशि में अंतर लिपिकीय चूक के कारण आया और इसे दुरुस्त किया जाएगा.


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