Tikri Border: केंद्र सरकार के करतारपुर कॉरिडोर को दोबारा खोलने के फैसले का तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने स्वागत किया है. टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों का कहना है कि करतारपुर ननकाना साहिब गलियारा सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के अंतिम विश्राम स्थल गुरुद्वारा दरबार साहिब, पाकिस्तान को पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से जोड़ता है. 


किसानों का कहना है कि देश 19 नवंबर को श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश उत्सव मनाने की तैयारी कर रहा है और उन्हें विश्वास है कि यह कदम देश भर में खुशी और उत्साह को और बढ़ा देगा. प्रकाशोत्सव से पहले सरकार का ये कदम बेहद सरहानीय है. इससे अभी धर्मो के लोगों का मेलजोल बढ़ेगा. 


इतना ही नहीं भारत और पाकिस्तान के सम्बन्धों में भी सुधार आएगा. किसानों का यह भी कहना है कि इससे भारत और पाकिस्तान के पंजाबियों को बेहद खुशी है. किसानों का कहना है कि वे तो यह भी चाहते हैं कि पुराना पंजाब एक हो जाए, ताकि सभी साथ मिलकर गुरु नानक देव जी की अरदास कर सकें. 


एक साल से चल रहा है आंदोलन


कुछ किसानों का कहना है कि वे भी गुरु नानक देव जी की जन्म स्थली का दर्शन करने के लिए जरूर जाएंगे. क्योंकि यह वह स्थान है जहां गुरु नानक देव जी ने खेती और किसानी की है. साथ ही किसानों ने सरकार से किसानों की मांग भी पूरी करने की मांग की है. ताकि आंदोलनकारी किसान शांतिपूर्ण ढंग से गुरु नानक देव जी की जन्म स्थली के दर्शन कर सकें.


बता दें कि पिछले एक साल से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन चल रहा है. यह आंदोलन पिछले साल 26 नवंबर को शुरू हुआ था और कुछ ही दिनों में आंदोलन का एक साल पूरा होने जा रहा है.


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